हरियाणा सरकार ने सदन को बताया कि प्रदेश में महिलाओं के विरूद्घ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक महिला पुलिस थाना स्थापित किया गया है तथा उप-मंडल स्तर पर भी महिला सहायता केन्द्र स्थापित किए गए हैं। महिलाओं से छेड़छाड़ व अभद्र व्यवहार करने वालों के विरूद्घ कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक महिला पुलिस थाने में अलग से स्टॉफ नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, समय-समय पर ‘ऑप्रेशन दुर्गा’ अभियान भी चलाया जा रहा है। प्रदेश में महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘एक और सुधार’ पहल के अन्तर्गत ‘दुर्गा शक्ति’ नामक एप्प भी लांच किया गया है। सरकार का दावा है कि प्रदेश के संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पीसीआर और मोटरसाइकिल सवारों को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है।
चार साल में खाने के 178 सैंपल हुए फेल
चंडीगढ़। हरियाणा में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यहां खाद्य पदार्थों में मिलावट की घटनाएं अब सामान्य हो चुकी है। हरियाणा सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान इस मामले में की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी है। विधायक जगबीर मलिक द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सदन को बताया कि प्रत्येक जिले में प्रति माह 30 खाद्य नमूने लेने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से लेकर 2018 तक की अवधि के दौरान जिला स्तरीय टीमों द्वारा लिए गए खाद्य पदार्थों के कुल नमूनों में से 178 फेल पाए गए हैं। जिनमें 152 केसों को अदालती प्रक्रिया के लिए रैफर किया गया है। अदालतों द्वारा इस अवधि के दौरान 12 व्यक्तियों को दोष मुक्त करार दे दिया गया जबकि बीस व्यक्तियों को दोषी करार दिया गया है।
विज ने सदन ने को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह नियमित रूप से छापेमारी करें। इस कार्य में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। हालही में ऐसे कई कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है जिन्होंने जनता के स्वास्थ्य से खिलावाड़ करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की।