सोनभद्र. अनपरा स्थित ‘अनपरा सी लैंको परियोजना’ में बड़ा हादसा हुआ है। सफाई कार्य के दौरान अचानक ही मलबा गिरने से वहां काम कर रहे 13 मजदूर घायल हो गए। मौके पर अफरा-तफरी मच फैल गई। तत्काल परियोजना के आला अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। आनन-फानन में मजदूरों मलबा हटाकर मजदूरों को निकाला जाने लगा। सभी को कैम्पस स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। पांच की हालत गंभीर होने पर उन्हें पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के जयंत स्थित नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया, जबकि आठ को प्राथामिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ की कामना की। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को मौके पर तत्काल राहत कार्य कराने और घायलों के समुचित इलाज के साथ ही गंभीर रूप से घायलों को बड़े स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों पर भेजने को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच कर जिम्मेदारी तय करते हुए तत्काल प्रभावी कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।
शनिवार की देर रात हादसा उस समय हुआ जब लैंको के 600 मेगावाट बिजली परियोजना के युनिट नं. दो के बंद पड़े ब्वायलर की सफाई कराई जा रही थी। देर रात 3 बजे के आसपास अचानक ही मजदूरों द्वारा चढ़कर काम करने के लिये बांधा गया भाड़ा भरभराकर नीचे आ गिरा। 13 मजदूर उसकी चपेट में आ गए। हादसे की पुलिस और अधिकारियों को खबर दी गई और तत्काल राहज बचाव कार्य शुरू हुआ।
उधर इस हादसे की खबर पाते ही बड़ी तादाद में मजदूर परियोजना गेट पर जमा होकर अंदर जाने की मांग करनेे लगे। हालांकि वहां के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया। नाराज मजदूरों का दावा था कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ है औ इसमें कुछ और लोग भी हताहत हुए हैं। हालांकि एसपी सोनभद्र पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि 13 में से पांच मजदूरों की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था सामान्य है।
मौके पर पहुंचे एसडीएम रमेश कुमार ने बताया कि पिछले महीने 22 तारीख को प्लांट बंद कर यहां मेंटेनेंस का काम चल रहा था। सफाई के लिये युनिट दो में सफाई कार्य के लिये भाड़ा (फोल्डिंग) गया था। उसपर चढ़कर काम हो रहा था। रात 2.45 बजे 36 मीटर ऊंचाई पर बांधा गया भाड़ा गिरकर 20 मीटर पर अटक गया। वहां दो ग्रूप के 13 मजदूर काम कर रहे थे, जो इसकी चपेट में आ गए। आठ मजदूरों को परिसर के अस्प्ताल में रखा गया, जबकि गंभीर घायलों को नेहरू अस्पताल भेज दिया गया। वहां उनका इलाज चल रहा है। अब मलबे में कोई नहीं फंसा है।