कोविड प्रोटोकाल के तहत करें मां के दर्शन, खुद को बचाने की जिम्मेदारी आपकी

– मंदिर में दर्शन के दौरान मास्क, सैनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ख्याल

<p>कोविड प्रोटोकाल के तहत करें मां के दर्शन, खुद को बचाने की जिम्मेदारी आपकी</p>
बाराबंकी. श्रद्धा और आस्था का पर्व चैत्र नवरात्र शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जिले के मंदिरों में विशेष तैयारी की की गई है। साफ-सफाई के साथ कई स्थानों पर सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मंदिर के महंत, पुजारी और मंदिर समिति पदाधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है जो भक्त मंदिर आये वह कोरोना से बचाव के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। शारीरिक दूरी बनाए रखें और मास्क भी जरूर लगाकर आएं। बुजुर्ग और छोटे बच्चे पूजा के लिए घर से निकलने की कम ही कोशिश करें।
सीएमओ डा बीकेएस चौहान का कहना है कि पूर्व त्यौहारो के भांति ही नवरात्र में भक्तों के लिए मंदिरों के दरवाजे खुल गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस का खतरा पहले से भी ज्यादा है। मंदिर जाते समय कुछ बातों का ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। नियमों का पालन न करने पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। नवरात्र में कोरोना से बचाव के लिए मंदिरों की तरफ से कई तरह की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है लेकिन खुद को बचाने की जिम्मेदारी आपकी है। अगर आप भी मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान दें।
मास्क लगाकर घर से निकलें

घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाएं। मंदिरों में भीड़ भाड़ होना आम बात है, ऐसे में खुद के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए पहली जिम्मेदारी मास्क लगाना है। मास्क लगाने से आप कोरोना के संक्रमण से दूर रह सकते हैं।
मंदिर में दूरी बनाकर करें दर्शन

मंदिर प्रशासन की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखने की तैयारी है लेकिन आपको खुद भी इसका ध्यान रखना है। मंदिर की कतार में खड़े होते समय आगे वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर रखें। दर्शन के लिए अपनी बारी का धैर्य पूर्वक इंतजार करें।
मूर्तियों को छूने से करें परहेज

मंदिर की तरफ से सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है लेकिन वायरस कब कहां आ जाए यह नहीं कहा जा सकता। मंदिर परिसर में कोई भी सतह छूने से बचें। मूर्तियों को भी न छुएं और ना ही मूर्तियों को भोग लगाएं। भगवान के दर्शन कर सुरक्षित तरीके से घर वापस आने की कोशिश करें। हाथों को साफ करें। कोरोना से बचाव के लिए बार-बार हाथों को धोने की सलाह दी जा रही है। मंदिर में प्रवेश से पहले सैनिटाइजर से हाथ को अच्छी तरह साफ करें और घर आने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
कोविड प्रोटोकाल का रखें विशेष ख्याल : मंहत दास

जिले के नवाबगंज तहसील के अंबौर स्थित मां दूर्गा की स्वरूप देवी ज्वालामुखी, पाटन माता, बनवापुर में देसी माता व जलाली यानि जलहरी माता का मंदिर आधा किलो मीटर परिक्षेत्र स्थापित है। नवरात्र में माता के दर्शन के लिए हजारो भक्त आते है। इस सम्बन्ध में ज्वालाम़ंखी मंदिर के महंत संत दास ने सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि जो भक्त माता के मंदिर आएं, वह गाइडलाइन का पालन करते हुए एहतियात बरतें । उन्होने बताया कि कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में घर पर मां दुर्गा के सभी स्वरूप की स्थापना कर उनकी पूजा-अर्चना आरती करें और कोरोना संक्रमण से निजात के लिए मां से प्रार्थना करें। मंदिर में आने के लिए पाबंदी तो नहीं है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घर पर रहना ज्यादा जरूरी है। अगर मंदिर आते हैं तो शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का ध्यान रखें और मंदिर की व्यवस्था में पूर्ण सहयोग करें।
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