चैंज मैनेजमेंट अपनाएं , आगे बढ़े! कैसे जाने खबर है खास

पूर्व आईएएस कृष्ण मोहन बोले, संगठन में सकारात्मक बदलाव से आर्थिक प्रगति। सीआईआई में एनआईपीएम की दो दिवसीय कांफ्रेंस।

<p>चैंज मैनेजमेंट अपनाएं , आगे बढ़े! कैसे जाने खबर है खास</p>
चंडीगढ़. देश, समाज और संगठन की आर्थिक प्रगति के लिए संगठनात्मक बदलाव आवश्यक है। इसके लिए ‘चैंज मैनेजमेंटÓ का महत्व समझना होगा। यह बात चंडीगढ़ के पूर्व गृह सचिव और हरियाणा के पूर्व आईएएस अधिकारी कृष्ण मोहन ने सीआईआई में रविवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (एनआईपीएम), पंजाब चैप्टर की ओर से आयोजित दो दिवसीय एचआर कांफ्रेंस के समापन समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि चैंज मैनेजमेंट में प्रक्रिया (प्रोसिजर) और टेक्नोलॉजी ही कुल आठ फीसदी गठन करती है। शेष 92 प्रतिशत मानसिकता है, जो कि ट्रांसफॉरमेशन एक्सरसाइज में सहयोगी होती है।
एचआर प्रोफेशन के प्रति सार्थक
पंजाब चैप्टर के चैयरमेन एसपी बंसल ने कांफ्रेंस को एचआर प्रोफेशन के प्रति सार्थक बताया। एचआर जगत से जुड़े दर्जनों दिग्गज ने दो दिन अनुभव सांझा कर इस प्रोफेशन का गति प्रदान की। एसबीआई और बीएसएनएल को उदाहरण देते हुए कृष्ण मोहन ने बताया कि कैसे संगठन सफल-विफल बनकर ‘केस स्टडीÓ बनते हैं।
एक दौर में जब देश में निजी-विदेशी बैंक की लय में नाकाम साबित होते जा रहे एसबीआई ने तत्कालीन चैयरमेन ओपी भट्ट द्वारा 2006 में चलाए ‘परिवर्तनÓ प्रोजेक्ट द्वारा वर्तमान में समूचे विश्व में मिसाल कायम की। दूसरी ओर अपने आप में बदलाव लाने में कोसों दूर रही बीएसएनएल को प्रतिस्पर्धा के दौर में खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। लोग बदलाव के लिए आतुर हैं, संगठन को उनकी जरुरत समझनी होगी।
लीडर प्रोस्पेटिव पर दिग्गजों ने किए विचार व्यक्त

कार्यक्रम के दौरान ‘लीडर प्रोस्पेटिवÓ विषय पर बैंगलूरु स्थित वोल्वो ग्रुप के अमित शर्मा, गैस अथारिटी ऑफ इंडिया के आरपीवी डॉ एसबी मीरा, पुणे स्थित भारत फोर्ज के डॉ संतोष भावे और टाटा कंसल्टेंसी के राज गुप्ता ने विचार व्यक्त किए। स्मार्ट एचआर पर नेट स्माटर््स के वाईस प्रेजीडेंट अमित डोडा और इंफोसिस के अशीष नानचहल ने संबोधित किया।
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