आबादी क्षेत्र में मोबाइल टावर के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़क पर धरना, जांच के आदेश

विरोध: पूर्व विधायक बोले- कैंसर का खतरा, नहीं लगने देंगे टावर

<p>sirohi</p>
सिरोही. शहर के कुम्हारवाड़ा मोहल्ले में एक मंदिर की जमीन पर लग रहे मोबाइल टावर का विरोध मंगलवार को तेज हो गया। मोहल्ले के सभी लोग सड़क पर बैठ कर मंदिर महंत, नगर परिषद प्रशासन तथा विधायक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद टावर का काम रोक दिया गया।
जानकारी के अनुसार कुम्हारवाड़ा मोहल्ले में रेवानाथ अखाड़े के सामने एक कंपनी की ओर से टावर लगाया जा रहा था। मोहल्ले के लोगों ने २२ जून को ही नगर परिषद में आपत्ति दर्ज करवाकर टावर नहीं लगाने की मांग की थी। टावर स्थल के पास के निवासी अचलाराम खत्री ने भी नगर परिषद में आरटीआई लगाकर इसकी स्वीकृति तथा निर्माण के बारे में सूचना मांगी पर चार माह बाद भी नहीं दी। यहां तक कि परिषद ने बिना सर्वे मापदण्ड को दरकिनार कर स्वीकृति दे दी। ठेकेदार अवकाश के दिन ही टावर लगाने का काम करवा रहा है। इस पर मंगलवार को लोगों को गुस्सा फूट पड़ा और महंत लहर भारती, विधायक व राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर बैठ गए। पूर्व विधायक संयम लोढा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि टावर के सभी नियम दिख लिए हैं। यह गलत स्थान पर लग रहा है। इसे नहीं लगाने दिया जाएगा। इसके बाद सभी लोग लोढा के नेतृत्व में कलक्ट्रेट गए। जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल तथा एडीएम आशाराम डूडी को ज्ञापन देकर टावर नहीं लगाने की मांग की। इस पर एडीएम ने इसकी सख्त जांच तथा निर्माण कार्य बंद करवाने के लिए पुलिस उप अधीक्षक विक्रमसिंह को निर्देश दिए।
दबाव में स्वीकृति का आरोप
सड़क पर बैठे लोगों का नेतृत्व कर रहे सुशील प्रजापत ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में स्वीकृति दी गई है। हमने नगर परिषद में सभी कारण बताए। जिस भवन पर टावर लग रहा है, वह पांच मंजिला होना चाहिए, २० फीट चौड़ी सड़क होनी चाहिए, पास में चिकित्सालय, मंदिर नहीं होने चाहिए लेकिन यहां नियम पूरे नहीं होते। इसे लेकर राज्य मंत्री देवासी से भी बात की लेकिन उन्होंने कोर्ट जाने की सलाह दी। उन्होंने महंत लहर भारती पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ बाबा जी बच्चों के लिए दस टावर न्यौछावर करने की बात कहते हैं लेकिन शनिवार -रविवार रात को ही काम शुरू करवा देते हैं। ओटाराम पर तंज कसते हुए कहा कि विधायक हमारे लिए हाजिर नहीं हैं, सिर्फ पांच साल होते हैं, हाथ जोड़ते हुए आते हैं और कहते हंै हमारे पास जेब नहीं हैं। पर आजकल लोग जेब में नहीं अकाउंट में पैसे रखते हैं, हमको क्या पता कि उनके अकाउंट में कितने पैसे गए हैं?
पूर्व विधायक ने कहा कि आबादी क्षेत्र में कोई टावर लगता है और उससे सटा मकान होता है तो कैंसर फैलने की आशंका बढ़ती है। ऐसे में जब मोहल्ले के लोगों ने परिषद में आपत्ति लगाई थी तो बिना सुनवाई अनुमति देने का क्या अर्थ? अस्पताल भी पास में है, मकान सटे हुए हैं, ऐसे में टावर नियम विरुद्ध लग रहा है। यह टावर यहां नहीं लगेगा। उन्होंने एनओसी निरस्त करवाने की बात कही। इसके बाद सभी रैली के रूप में कलक्ट्रेट गए और एडीएम को ज्ञापन दिया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य भी मौजूद थे।
जयपुर में हटवाए थे
एडीएम कार्यालय में पूर्व विधायक समेत मोहल्ले के लोग ज्ञापन देने गए। एडीएम ने इसकी जांच कर सख्त कार्रवाई की बात कही। इस दौरान पुलिस उप अधीक्षक विक्रमसिंह ने भी कहा कि जयपुर में भी खूब टावर हटाए हंै, यहां पर भी हटवा दिया जाएगा।
हो सकता है आवंटन रद्द
रेवानाथ अखाड़े की भूमि का २० फरवरी २००२ को नगर पालिका ने महंत लहर भारती के नाम आवंटन किया था। इसमें आवंटी को भूमि हस्तांतरण का अधिकारी नहीं होना, आवासीय उपयोग में ही लेने, पेड़ों को नगर पालिका की आज्ञा के बिना नहीं काटने तथा झूठे आवेदन का उपयोग करने पर आवंटन रद्द होने की शर्तें लिखी हैं।
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