सिंगरौली

एमपी के इस जिले को लंबी दूरी की तीन नई ट्रेन मिलने की उम्मीद

16 अप्रैल को हो सकती है घोषणा …..

सिंगरौलीApr 14, 2021 / 10:50 pm

Ajeet shukla

Singrauli’s station in no facility, crores of income to railways

सिंगरौली. रेलवे प्रशासन की ओर से सिंगरौली के लिए तीन नई ट्रेनों को शुरू किए जाने की संभावना है। १६ अप्रैल को रेलवे बोर्ड और सभी रेलवे जोन के मध्य होने वाली इंटर टाइम टेबल कांफ्रेंस में इसी घोषणा की जाएगी। क्षेत्रीय रेलवे परामर्श दात्री समिति के सदस्य एसके गौतम के मुताबिक कांफ्रेंस के मद्देनजर तैयार किए गए एजेंडा में इससे संबंधित बिन्दुओं को शामिल किया गया है।
रेलवे बोर्ड व सभी रेलवे जोन के मध्य इंटर टाइम टेबल कांफ्रेंस का आयोजन वीडियो कांफें्रसिंग के जरिए किया जाएगा। बैठक को लेकर तय एजेंडा के मुताबिक रांची-लोहरदगा-टोरी नई रेललाइन होकर दो नई ट्रेनों को रांची-सूरत, उधना, अहमदाबाद (गुजरात) रूट पर साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाएगी। यह ट्रेन वाया रेनुकूट, चोपन, सिंगरौली, कटनी, भोपाल, उज्जैन होकर गुजरात के सूरत, उधना अहमदाबाद रेलवे स्टेशन तक जाएगी।
दूसरी ट्रेन रांची-लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) तक वाया रेनुकूट, चोपन, सिंगरौली, कटनी, जबलपुर, भुसावल लोकमान्य तिलक टर्मिनल स्टेशन (मुंबई) तक चलाया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार तीसरी ट्रेन भोपाल से दमोह तक तक चलने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन का रूट विस्तार कटनी, सिंगरौली, चोपन चुनार होते हुए वाराणसी तक चलाया जाना प्रस्तावित है।
सांसदों ने रेलवे बोर्ड से की सिफारिश
समिति के सदस्य गौतम ने बताया कि इन तीन नई ट्रेनों की स्वीकृति मिलना तय माना जा रहा है। इसके लिए उनके अनुरोध पर सोनभद्र सांसद पकौड़ी लाल कोल, राज्यसभा सांसद रामशकल व झारखंड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने रेल मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखा था। बताया कि रांची-लोहरदगा-टोरी रेल लाइन से सिंगरौली होकर रेलगाडिय़ों के संचालन की मांग लगातार रखते आ रहे हैं।
करोड़ों की लागत से तैयार हुई रेलवे लाइन
करीब 600 करोड़ रुपए की लागत से रांची-टोरी-लोहरदगा रेल लाइन तैयार हो जाने व विद्युतीकरण भी पूरा हो जाने के बावजूद एक्सप्रेस रेल गाडिय़ों का संचालन इस रेल खंड से नहीं हो सका है। रेल मंत्री ने बड़ी गंभीरता से लिया है। इन नई रेल गाडिय़ों के संचालन से पांच राज्यों के बड़े भू-भाग के रेल यात्रियों को फायदा मिलेगा और विभिन्न प्रदेशों को पर्यटन, व्यापारिक, सांस्कृतिक संसाधनों के हिसाब से उपयोगी भी साबित होंगी। इससे रेलवे के राजस्व में वृद्धि भी होगी।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.