लॉकडाउन में भी भारत सरकार के इस उपक्रम ने किया बड़ा काम, तोड़ा पिछले साल का रिकार्ड

अन्य कंपनियों का उत्पादन गिरा

<p>कोल उत्पादन क्षेत्र</p>
सिंगरौली. लॉकडाउन में अन्य उद्योग-धंधे जहां बंद हो गए या जहां काम चल भी रहा था वहां का उत्पादन काफी हद तक प्रभावित हुआ। लेकिन भारत सरकार के इस उपक्रम ने अपना ही पिछला रिकार्ड तोड़ दिया। इस उपक्रम में पिछले साल की तुलना में इस ल़ॉकडाउन अवधि में भी 2 फीसद ज्यादा उत्पादन हुआ है।
बात भारत सरकार के उपक्रम नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड की है। यह ऐसा उपक्रम है जहां लॉकडाउऩ का भी कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। बल्कि नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीने यानी अप्रैल और मई महीने में 17.93 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष के इन दो महीनों में एनसीएल ने 17.58 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। यानी इस वर्ष दो फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।
वहीं कोयला उत्पादन करने वाली दूसरी कंपनियों का उत्पादन लॉकडाउन से प्रभावित हुआ। हालांकि इसमें भी एमसीएल का उत्पादन कुछ हद तक संतोषजनक रहा, लेकिन पिछले साल की तुलना में कम है। लॉकडाउन से प्रभावित होने की स्थिति में इस वर्ष कंपनी ने अबकी अप्रैल व मई में 22.75 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है जबकि पिछले साल इन्हीं दो महीनों में कंपनी ने 23.38 फीसद कोयला उत्पादन किया था।
लेकिन अन्य कोयला उत्पादन कंपनियों का प्रदर्शन इससे भी खराब रहा। एसईसीएल ने दो महीनों में केवल 18.45 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जबकि पिछले साल इसी कंपनी का उत्पादन 23 मिलियन टन रहा। ऐसे ही ईसीएल ने पिछले साल की तुलना में 13.9 प्रतिशत कम कोयला उत्पादन किया है। इस वर्ष इस कंपनी का उत्पादन 6.84 मिलियन टन रहा। इसी तरह बीसीसीएल का उत्पदान भी घट कर करीब 25.7 फीसद कम दर्ज किया गया। कंपनी ने अबकी महज 3.26 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। सीसीएल में कोयले का उत्पादन 29.4 फीसद रहा। कंपनी ने शुरूआती दो महीनों में महज 5.17 मिलियन कोलया उत्पादन किया। डब्ल्यूसीएल का उत्पादन प्रतिशत सबसे खराब है। कंपनी ने महज 7.39 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है जो पिछले साल के सापेक्ष 11.12 फीसद कम है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.