सीकर

रींगस में प्रदेश का पहला व सबसे लम्बा रेल ओवर रेल ब्रिज, ऊपर-नीचे दौड़ती है ट्रेन

अब उम्मीदों के ‘डबल टै्रक’ पर ऊपर-नीचे दो गुने सपने दौड़ रहे हैं।

सीकरDec 29, 2019 / 06:47 pm

Gaurav

रींगस में प्रदेश का पहला व सबसे लम्बा रेल ओवर रेल ब्रिज, ऊपर-नीचे दौड़ती है ट्रेन

सीकर. कभी शेखावाटी के लिए ब्रॉडगेज एक सपना था, लेकिन यहां के लोगों की कुछ हासिल करने की चाह की वजह से अब उम्मीदों के ‘डबल टै्रक’ पर ऊपर-नीचे दो गुने सपने दौड़ रहे हैं। प्रदेश का पहला और सबसे लम्बा रेल ओवर रेल (आरओआर ) ब्रिज सीकर जिले के रींगस में बना है। इससे यहां के लोगों का ब्रॉडगेज के जरिए अन्य शहरों से कनेक्शन जुड़ गया है। इसी साल इस ट्रेक पर रेल सेवा का शुभारम्भ 21 अक्टूबर को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीसी के माध्यम से किया था। इस रेल सेवा के शुरू होने से जहां जयपुर-रींगस-चूरू रेल खंड पर लंबी दूरी की गाडिय़ां शुरू हुई हैं, वहीं खाटूश्यामजी, जीणमाता व सालासर बालाजी आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए आवागमन की एक बेहतर सुविधा भी मिली है। रींगस से रोजाना सीकर व जयपुर अप डाउन करने वाले यात्रियों को भी सस्ती रेल सेवा मिल रही है। रींगस से छोटा गुढा रेलवे स्टेशन के बीच प्रदेश के पहले व सबसे लंबे रेल ब्रिज का निर्माण हुआ है। जिस पर ट्रेन गुजरने के दौरान यात्रियों को रोमांचक सफर का आनन्द मिलता है।
अद्भुत : ट्रेन के ऊपर ट्रेन!
जयपुर-रींगस रेलवे ट्रैक पर छोटा गुढा से रींगस रेलवे स्टेशन के बीच करीब 7.8 किमी के ब्रिज का निर्माण हुआ है। इस ब्रिज का 3.5 किमी का हिस्सा केवल पिलरों पर बनाया गया है। यह ब्रिज 173 पिलरों पर खड़ा किया हुआ है। एक ट्रेन को दूसरी के ऊपर से क्रॉस करवाने के लिए रींगस में प्रदेश का यह पहला ब्रिज बनाया गया। फुलेरा-रेवाडी रेलवे ट्रैक व दिल्ली-मुंबई डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर रेलवे ट्रैक में क्रॉसिंग देने के बजाय इस ट्रैक को दोनों ट्रेकों के ऊपर ब्रिज बनाकर गुजारा गया है।
आंकड़ों में आरओआर ब्रिज
150 करोड़ की लागत
173 पिलर
7.8 किमी लम्बा
30 महीने में हुआ था तैयार

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