बैंड बाजों के साथ हुआ होलिका दहन
सीकर शहर में राजकीय होलिका दहन सांस्कृतिक मंडल की ओर से ब्यूचाणी में हुआ। इससे पहले होली पूजक पहले बावड़ी गेट स्थित रघुनाथ मंदिर में पहुंचे। जहां पूजन करने के बाद वे बैंड बाजों के साथ ब्यूचाणी पहुंचे। यहां सैंकड़ों शहरवासियों की मौजूदगी में होलिका दहन हुआ।
भद्रा में होलिका दहन की मान्यता
यूं तो भद्रा काल में होलिका दहन नहीं किया जाता, लेकिन तिवाड़ी समाज द्वारा शीतला चौक में दिन में ही होलिका दहन किया गया। समाज के कैलाश तिवाड़ी ने बताया कि मान्यता के अनुसार उनके पूर्वजों को मुगल बादशाह के दरबार में जाते समय एक बार रास्ते में भद्रा माता मिल गई थी। जिन्होंने उन्हें शुभ होने का संकेत दिया तथा भविष्य में भी भद्रा काल में ही शुभ कार्य करने की सलाह दी थी। तब से परिवार के लोग भद्रा काल में ही होलिका दहन सहित अन्य शुभ कार्य करते हैं।
कल होगा रंगों का उल्लास
आस्था के पर्व होली के बाद सोमवार को उल्लास का त्योहार धुलंडी मनाया जाएगा। हर ओर रंग व गुलाल की मस्ती छाएगी। हालांकि इस बार कोरोना गाइडलाइन की वजह से सार्वजनिक स्थलों पर धुलंडी नहीं खेली जाएगी। लेकिन, घरों में इस त्योहार की मस्ती की तैयारी लोगों ने पहले से ही कर ली है।