ट्रेक्टर रैली निकालकर किसानों ने आरटीओ कार्यालय किया बंद, पड़ाव डालकर शुरू किया अनिश्चितकालीन आंदोलन

राजस्थान के सीकर जिले में ओवर लोड के नाम पर ट्रेक्टर ट्रॉली व छोटे वाहनों पर लाखों की पैनल्टी लगाकर ब्लैक लिस्टेड करने के विरोध में किसान ट्रेक्टर यूनियन की ओर से आज आरटीओ कार्यालय पर पड़ाव डाल लिया गया।

<p>ट्रेक्टर रैली निकालकर किसानों ने आरटीओ कार्यालय किया बंद, पड़ाव डालकर शुरू किया अनिश्चितकालीन आंदोलन</p>

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में ओवर लोड के नाम पर ट्रेक्टर ट्रॉली व छोटे वाहनों पर लाखों की पैनल्टी लगाकर ब्लैक लिस्टेड करने के विरोध में किसान ट्रेक्टर यूनियन की ओर से आज आरटीओ कार्यालय पर पड़ाव डाल लिया गया। माकपा नेता अमराराम की अगुआई में किसान सभा कर सरकार व आरटीओ अधिकारियों पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जमकर नारेबाजी भी की जा रही है। इससे पहले प्रदर्शन की शुरुआत सुबह ट्रेक्टर रैली से हुई। सुबह आठ बजे ही किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर रामू का बास तिराहे पर जमा होना शुरू हो गए। इसके बाद सैंकड़ों ट्रेक्टर एक के पीछे एक आरटीओ ऑफिस के लिए रवाना हुए। जिसमें सवार प्रदर्शनकारी रास्तेभर नारेबाजी करते रहे। आरटीओ ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शनकारी किसानों ने ऑफिस का दरवाजा बंद कर धरना शुरू कर दिया। तब से वे पैनल्टी रद्द करने की मांग पर ही पड़ाव खत्म करने की मांग पर अड़े हैं। प्रदर्शन में माकपा, एसएफआई सहित कई संगठनों के कार्यकर्ता भी शामिल है।

नियम विरुद्ध बताया कार्य
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसानों के ट्रेक्टर पर रॉयल्टी व टेक्स तक लागू नहीं होता। लेकिन, आरटीओ के अधिकारियों ने सारे नियम दरकिनार कर कोरोना काल में पहले से परेशान किसान पर उनके ट्रेक्टर की कीमत से भी ज्यादा पांच से आठ लाख रुपये तक की पैनल्टी लगाकर उनकी परेशानी ओर बढ़ा दी है। उनकी मांग है कि ये पैनल्टी तुरंत रद्द की जाए। चेतावनी भी दी कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।

गुपचुप में लगाई पैनल्टी
माकपा नेता अमराराम का कहना है कि किसानों पर ओवर लोड के नाम पर यह पैनल्टी गुपचुप में लगाई गई है। वाहनों को बेचने या फिटनेस के दौरान उसे यह गुपचुप लगाई पैनल्टी बताई जा रही है। जो उसके वाहन की कीमत से भी डेढ़ से दो गुना तक है। जो सरासर नाइंसाफी है।

 

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