डॉ मिश्रा का कहना है कि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण तेज हो रहा है उसमें पग-पग पर एहतियात बरतना जरूरी है। ऐसे में जब कोरोना और सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार और कोरोना के लक्षण लगभग समान हैं तो यह सभी की जिम्मेदारी बनती है कि चिकित्सकीय परमार्श के बिना दवा की दुकान से दवा बिक्री न हो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि सीधी में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में दवा विक्रेता संघ का दायित्व है कि रोगी को सीधे दवाई न देकर उनको नजदीकी फीवर क्लीनिक में जांच, सैंपलिंग और इलाज के लिए भेजें। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सीधी जिले में 7 फीवर क्लीनिक संचालित है जो जिला चिकित्सालय सीधी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन, चुरहट, सेमरिया, मझौली, कुसमी एवं सिहावल में स्थित है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा ने दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष व सचिव से अपील की है कि समस्त दवा विक्रेताओं की बैठक बुलाकर जिले को कोविड-19 महामारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में सहयोग करें।