केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक ने मनरेगा को बढ़ावा दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम मिल सके वो भी उनके घर में। उनके अपने गांव में। इस कड़ी में बहुतेरे गांवों ने ऐसा काम कर दिखाया जो मिसाल बन गया। ऐसा ही के गांव है एमपी के सीधी जिले के मझौली विकासखंड की ग्राम पंचायत चंदोही डोल। इस ग्राम पंचायत ने इस आपदा को अवसर के रूप में देखा। ग्राम पंचायत के उपसरपंच रोहिणी रमण मिश्रा बताते हैं कि कठिन समय में ग्राम पंचायत ने श्रम आधारित कार्यों को प्रारंभ करने का निर्णय किया ताकि गांव के गरीब श्रमिकों को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। वह बताते हैं कि इसके तहत गांव में अधोसंरचना के कार्यों को प्राथमिकता दी गई। तालाबों का निर्माण किया गया जिससे कृषि में मदद मिलेगी साथ ही भविष्य में मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा। गांव के दुर्गम इलाकों को सुदूर सड़कों व पुल-पुलिया के माध्यम से मुख्य मार्गों से जोड़ा गया। इस कार्य से वहां के निवासियों को खुशी मिली।
ग्राम चंदोही डोल में 20 जनवरी से 23 मार्च 2021 तक अमरहिया तालाब में बंड विस्तार पिचिंग का कार्य किया गया। इसमें 3 हजार 63 रोजगार दिवसों का सृजन हुआ। इसी प्रकार 3 जून से 13 जुलाई 2021 के बीच हरीलाल जायसवाल के घर के पास तालाब में बंड विस्तार व वेस्ट बियर का निर्माण किया गया। इस कार्य में 3 हजार 10 मानव दिवसों का सृजन हुआ। परौहान टोला अमहिरा डोल से प्राथमिक शाला व आंगनवाड़ी पहुंच मार्ग निर्माण में एक अप्रैल से 28 अप्रैल 2021 के मध्य एक हजार 63 मानव दिवसों का सृजन हुआ है।
परौहान टोला में एप्रोच रोड निर्माण से वहां निवास कर रहे 25 परिवारों ने राहत की सांस ली है। उन्होने बताया कि बारिस के दिनों में आवागमन में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। यदि किसी की तबियत खराब हो या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ले जाने में समस्याएं होती थी। अब पूरे वर्ष भर वाहन घर तक आ सकेंगें। बच्चे भी विद्यालय तक आसानी से पहुंच सकेंगें।
चंदोही डोल ग्राम पंचायत ने चुनौती को स्वीकार कर ग्राम के विकास की राह को चुना। इससे न केवल लोगों को ग्राम में ही रोजगार के अवसर मिले बल्कि अधोसंरचनाओं का विकास संभव हो सका।