अभियोजन के मुताबिक शिवपुरी जिले के गोपालपुर थाना अंतर्गत इमलिया व जमनिया के बीच के जंगलो से 13 दिसंबर 2014 को डकैत रेलवे लाइन का काम कर रहे आईटीआई लिमिटेड नई दिल्ली के मैनेजर जयपाल खलको व मजदूर तुलसीराम आदिवासी का फिरौती वसूलने के लिए अपहरण करके ले गए थे। बदमाशों ने कुछ दिनों तक इन दोनों को अपने पास रखा और बाद में दोनों छुटकर आ गए। हालांकि बदमाशों ने फिरौती वसूली या नहीं, इसका खुलासा नहीं हो पाया था।
पुलिस ने इस मामले में अपहरण व डकैती की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी मानसिंह(38) पुत्र डरूआ बघेल निवासी ग्राम बडक़ा थाना आरोन जिला ग्वालियर, भारत उर्फ बचनू (28) पुत्र परसी उर्फ रामप्रसाद बंजारा निवासी ग्राम चैतगांव प्रयाग का पुरा, थाना करइया जिला ग्वालियर, बचनू उर्फ राजाराम (34)पुत्र सुक्खा उर्फ सुखराम बंजारा निवासी ग्राम चैतगांव मुंशी का पुरा थाना करइया जिला ग्वालियर, चुडिय़ा उर्फ बच्चू (36)पुत्र मौकम उर्फ मौजीलाल बंजारा निवासी ग्राम चैतगांव थाना करइया, मोहरू उर्फ मोहरपाल (41)पुत्र रामदयाल बंजारा निवासी चैतगांव प्रयाग का पुरा थाना करइया, बलबीर(36) पुत्र हरीराम बंजारा निवासी ग्राम भगवानपुरा थाना आरोन जिला ग्वालियर, बादाम सिंह को पकड़ लिया। जबकि घीसा उर्फ घीसाराम बंजारा व रणवीर बंजारा घटना के बाद से फरार हंै। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया जिसके बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 6 आरोपियों मानसिंह, भारत, बचनू, चुडिय़ा, मोहरू, बलबीर को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि बादाम सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। इस मामले में अभी दो आरोपी घीसा बंजारा व रणवीर बंजारा फरार हैं।