गौरतलब है कि सहकारिता में हुए 100 करोड़ से अधिक के घोटाले के मामले में भी भार्गव लिप्त है. इसी वजह से उसको विभाग ने 1 माह पूर्व निलंबित भी कर दिया था। भार्गव का वेतन वर्तमान में ₹12500 है जबकि संपत्ति करोड़ों में आंकी जा रही है। वह कई सालों से समिति प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहा है. अनेक गंभीर शिकायतों के बाद भी उसे कभी हटाया नहीं गया.
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मामले में सबसे रोचक पहलू यह है कि जब पुलिस टीम कार्रवाई के लिए सुबह उसके घर पहुंची तो उसने दरवाजा ही नहीं खोला. पुलिस टीम सुबह 4:30 बजे भार्गव के घर पहुंची तब आरोपी भार्गव ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया. इसके बाद एक पुलिसकर्मी पास वाले मकान के सहारे से ऊपर चढ़ा और दरवाजा खोल कर टीम घर में घुसी व कार्रवाई को अंजाम दिया।