विजयपुर बस स्टैंड पर यात्री मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। विजयपुर का बस स्टैंड भले ही बड़े बस स्टैंडों में शामिल हैं, लेकिन यहां पीने के पानी से लेकर यात्रियों के लिए धूप से बचने प्रतीक्षालय तक नहीं हैं। वहीं शौचायल का भी अभाव है। जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। 25 हजार से ज्यादा की आबादी वाले नगर में बस स्टैंड से हर रोज करीब आठ हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार बस स्टैंड पर सुविधाएं तक मुहैया नहीं करा पाए हैं। बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ कई गुना बढ़ गई है। इसके बाद भी प्रतीक्षालय और शौचालय तक नहीं बनवाए गए। बस स्टैंड पर यात्रियों को पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा। जो यात्री घर से पानी का इंतजाम करके नहीं ले गया उसे बोतल या पानी पाउच खरीदकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। विजयपुर कस्बे का बस स्टैंड श्योपुर बस स्टैंड की तरह है। इस बस स्टैंड से हर रोज करीब 60-70 बसें ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, सबलगढ़, श्योपुर, जयपुर आदि शहरों में आती-जाती हैं। इतने के बाद भी विजयपुर बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए बैठने तक की जगह नहीं। एक शौचालय था भी वह फोरलेन निर्माण के चलते धराशायी हो गया। ऐसे में यात्रियों खासकर महिलाओं को परेशानी का सामना ज्यादा करना पड़ता है। इतना ही नहीं बस स्टैंड पर सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा भी वीरान जगह पर खडी है। यहां न तो पार्क बन पाया न ही अन्य सुविधाएं विकसित हो सकीं। फैक्ट फाइल रोजाना बसों का आवागमन – 60-70 रोजाना ट्रक का परिवहन – 80 रोजाना ट्रैक्टरों का परिवहन – 200 से ऊपर बस स्टैंड पर सवारियों का आवागमन- 8000 बस स्टैंड का पहले का शौचालय तोड़ बनी दुकान फोरलेन सडक निर्माण कार्य के चलते बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए शौचालय बना हुआ था। लेकिन फोरलेन निर्माण कार्य के चलते उसे तोड दिया गया। वहां अब अस्थाई अतिक्रमण कर गुमटियां रखकर दुकानदारी शुरू कर दी गई है। इसकी जानकारी न नगरपरिषद को नहीं ही कर्मचारियों को। ऐसे में यात्री रोजाना परेशानी का सामना कर रहे हैं।