यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों के विरोध में किसान ने लहलहाती गेहूं की खड़ी फसल को ट्रैक्टर से किया तहस-नहस गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों को लेकर जहां कई किसान संगठन धरने पर बैठे हैं। वहीं, अब भारत सरकार और प्रदेश सरकार के मंत्री ने किसानों से वार्ता करने का क्रम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार के मंत्री डॉ. संजीव बालियान और राज्य सरकार के मंत्री भूपेंद्र चौधरी, पश्चिम यूपी अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, विधायक उमेश मलिक, विधायक तेजिंद्र निर्वाल किसानों को समझाने के लिए गांव लिसाढ़ पहुंचे। भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि कुछ समस्याएं हैं, जिनका समाधान कराया जाएगा। मैं भी किसान का बेटा हूं और कृषि कानून किसान के हित में हैं, जिससे आने वाले समय में किसान तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं। वहीं, बढ़ती महंगाई और गन्ने के भुगतान के बारे में उन्होंने कहा कि पहले की सरकार चीनी को आयात करती थी।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान कुछ राजनीतिक पार्टियां किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही हैं। उन्होंने खाप चौधरियों की नाराजगी पर बताया कि आपस में कुछ खट्टी-मीठी बातें होती रहती है। उन्होंने किसान आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन बताते हुए कहा कि जो लोग लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते वह लोग किसानों के कंधे पर रखकर निशाना साध रहे हैं। इनमें वामपंथी भी है, कांग्रेस भी है और रालोद भी है। हम लोग अपने घर परिवार के लोगों से मिलने के लिए आ रहे हैं। हम लोग बीते 10-12 साल से लगातार इस तरह परिवार में आ रहे है औऱ कुछ लोग आंदोलन के माध्यम से अपना राजनीतिक एजेंडा सेट कर रहे हैं।