पिता की लटकी थी लाश, बेटी खा रही थी पानी में डुबा-डुबाकर रोटी

लॉकडाउन में नहीं मिल रहा था काम, बेटी और पत्नी की भूख के आगे मजबूर पिता ने उठाया खुदकुशी का कदम

शाजापुर. भूख के आगे इंसान कितना बेबस है इसका ताजा मामला शाजापुर में सामने आया है यहां लॉकडाउन के चलते काम न मिलने से मजबूर एक पिता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना शहर के कृषि मंडी इलाके की है जहां मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार चलाने वाले दिलीप कुमार ने घर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने की जो वजह सामने आ रही है वो दिल को झकझोर देने वाली है।

 

दो वक्त की रोटी का भी नहीं हो रहा इंतजाम- परिजन
दिलीप के परिजन ने बताया है कि दिलीप किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपना और परिवार का पेट पालता था लेकिन लॉकडाउन के चलते मजदूरी भी बंद हो गई ऐसे में परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया था, पत्नी और बेटी को भूखा देख दिलीप ने कई जगह काम की तलाश की लेकिन जब कहीं काम नहीं मिला तो खुद फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। दिलीप के घर के हालात देखकर इस बात का अंदेशा साफ लगाया जा सकता है कि वो कितना गरीब था और कैसे जिंदगी काट रहा था। दिलीप की माली हालत से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

 

पानी में डुबोकर रोटी खाती रही मासूम
एक तरफ जहां दिलीप का शव फांसी पर लटका हुआ था वहीं दूसरी तरफ कुछ ही दूरी पर दूसरे कोने में बैठी दिलीप की पांच साल की मासूम बेटी पानी में डुबोकर रोटी खा रही थी। महज पांच साल की उम्र में पिता को खो चुकी इस मासूम को इस बात का एहसास भी नहीं था कि अब उसके पिता कभी नहीं उठेंगे और उसे पिता का प्यार नसीब नहीं होगा। मासूम को पानी के साथ रोटी खाते देख जिसने भी देखा उसका दिल पसीज गया।

परिजन-प्रशासन के अलग अलग तर्क
एक तरफ जहां परिजन दिलीप के खुदकुशी करने के पीछे आर्थिक तंगी की वजह बता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अधिकारी आर्थिक तंगी से खुदकुशी करने की बात को नकार रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार और राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो दिलीप के परिजन का नहीं है साथ ही उनका ये भी कहना है कि दिलीप कभी भी उनके पास मदद मांगने के लिए नहीं आया। पुलिस के मुताबिक पड़ोसियों के बयान लेने पर ये भी सूचना मिली है कि दिलीप शराब पीने का आदि था और अक्सर उसके परिवार में विवाद होता रहता था।

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