शोध को बढावा मिलने के साथ शिक्षा पद्धति में होगा नवाचार

नई शिक्षा नीति पर अभाविप ने आयोजित की कार्यशाला

<p>शोध को बढावा मिलने के साथ शिक्षा पद्धति में होगा नवाचार</p>
शहडोल. नई शिक्षा नीति को लेकर अभाविप कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में डॉ. संदीप खरे, आशीष सिंह चौहान, अजीत डहेरिया ने इस पर अपने विषय रखे। साथ ही युवाओं ने भी इस पर अपने विचार सलाह व सुझाव रखे। कार्यशाला में सभी ने बताया कि किस प्रकार से आने वाली शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा पद्धति को नवीनीकृत करेगी। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर स्तर की शिक्षा को एक नया रूप दिया जाएगा। शिक्षा में शोध व अनुसंधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रायोगिक शिक्षा पर जोर दिया जाना है। मूलत: ऐतिहासिक परिदृश्य को प्रमाणिकता के साथ पढ़ाया व समझाया जाना व एक ऐसी राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को विकसित करना है जो भारत को एक एजुकेशन हब बना सके। कार्यशाला में मुख्य रूप से मनोज यादव, बीनू डूमरे, अरुणेंद्र पांडेय, गोविंद सिंह मेशराम, डॉक्टर सिंह मार्को, रविराज साहू, सौरभ द्विवेदी, उत्कर्ष द्विवेदी, आंचल साहू, संगीता पटेल, विपिन पटेल, सावन मिश्रा, रोहित तिवारी, दुर्गेश पटेल, अतुल अग्निहोत्री, किशन नामदेव, वीरेंद्र टांडिया, हिमांशु पांडे, प्रदीप यादव, ऋषि द्विवेदी, पुष्पराज सिंह मार्को आदि कार्यकर्ता रहे।
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