आइसीयू व एचडीयू फुल, लगातार बढ़ रहा मौत का ग्राफ: मास्क और वैक्सीनेशन ही उपाय

ऑक्सीजन के भरोसे 48 जिंदगी, 18 को लगा रेमडेसिविरदो मेडिकल कॉलेज और एक मरीज ने नागपुर जाते वक्त रास्ते में तोड़ा दमतेज बुखार, कम ऑक्सीजन लेवल और एक्स-रे, सिटी में संक्रमण की पुष्टि पर लगा रहे इंजेक्शन

<p>आइसीयू व एचडीयू फुल, लगातार बढ़ रहा मौत का ग्राफ: मास्क और वैक्सीनेशन ही उपाय</p>

शहडोल. मेडिकल कॉलेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की पहली खेप आने के बाद मरीजो ने राहत की सांस ली है। रविवार को मेडिकल कॉलेज को लगभग 122 वायल जबलपुर से मिलने के बाद इंजेक्शन लगना शुरू हो गया है। जिसमें से लगभग 18 मरीजों को पहला डोज लगाया गया है। इसके अलावा कुछ ऐसे मरीज थे जिन्हे कुछ डोज लग गए थे लेकिन शेष नहीं मिल पा रहे थे। उन मरीजों को भी चिन्हित कर रेमेडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए हैं। ं नई खेप के लिए वाहन जबलपुर भेजा गया है लेकिन देर शाम तक वायल जबलपुर नहीं पहुंचे थे।
आइसीयू और एचडीयू के 60 बेड फुल
कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति यह है कि सोमवार शाम को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू और एचडीयू वार्ड के 60 बेड पूरी तरह से भर गए थे। वहीं लगभग 48 मरीज ऑक्सीजन पर है। प्रतिदिन मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
सिटी और एक्स-रे के बाद इंजेक्शन का डोज
मेडिकल कॉलेज में इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों में से क्रिटिकल कंडीशन वाले मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन का डोज लगाने फिलहाल प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए ऐसे मरीज जिन्हे तेज बुखार हो, ऑक्सीजन लेवल 90 से कम हो और एक्सरे व सिटी में कोरोना संक्रमण दिख रहा हो ऐसे मरीजों को चिन्हिज कर इंजेक्शन के डोल लगाए गए हैं। पहले समिति द्वारा वेरीफाई किया जा रहा है इसके बाद ही इंजेक्शन के डोज लगाए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन के डोज आने के बाद कुछ शिकायतें भी मिलनी प्रारंभ हो गई है। जिसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा संबंधित स्टाफ को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। इंजेक्शन के संबंध में विधिवत पूरी जानकारी रखी जाए और किसी भी प्रकार से इसका दुरुपयोग न किया जाए।
22 सौ की इंजेक्शन, मांगते हैं 10 से 15 हजार
मेडिकल कॉलेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध होने के बाद अब नगर में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। अभी तक इंजेक्शन उपलब्ध न होने की बात करने वाले दवाइयों के कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने मेडिकल कॉलेज कैम्पस में बिचौलियों को सक्रिय कर दिया है। ये दलाल सीधे आइसीयू तक भी पहुंच जा रहे हैं। यहां पर इंजेक्शन क लिए भटकने वाले परिजनों से सीधे संपर्क करते हैं। हाल ही में एक मरीज के परिजन से दलालों ने इंजेक्शन के लिए 16 हजार रुपए की मांग रखी थी। जबकि दाम लगभग ढाई हजार रुपए था। यह बिचौलिए मरीजों के परिजनो को इंजेक्शन उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर उनसे औने-पौने दामो पर सौदा करना शुरू कर दिया है। हालांकि इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

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