किसानों ने एसईसीएल की वादाखिलाफी के खिलाफ दिया धरना

भूमि अधिग्रहण के बाद नहीं दी नौकरीखैरहा, कंदोहा के सैकड़ों किसान रोजगार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

<p>Farmers staged a sit-in against the disobedience of SECL</p>
शहडोल/धनपुरी. सीईसीएल सोहागपुर की दामिनी भूमिगत कोयला खदान के सामने सैकड़ो की तादाद में किसान धरने पर बैठ गए हैं। किसानों ने यह विरोध प्रदर्शन एसईसीएल प्रबंधन की वायदाखिलाफी के विरुद्ध प्रारंभ किया है। किसानों का आरोप है कि खदान के लिए उनकी भूमि अधिग्रहण के दौरान प्रबंधन ने जो वायदा किया था उसे वह पूरा नहीं कर रही है। उल्लेखनीय है कि एसईसीएल सोहागपुर एरिया अंतर्गत दामिनी भूमिगत कोयला खदान के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकन अब किसानों को रोजगार देने में एसईसीएल प्रबंधन आनाकानी कर रही है। ऐसे में अब किसानों का सब्र टूट चुका है और खैरहा कंदोहा के सैकड़ो किसान रोजगार की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए।
810 एकड़ भूमि अधिग्रहित, दस साल बाद भी नहीं मिला रोजगार
दामिनी भूमिगत खदान प्रबंधन द्वारा भूमि अधिग्रहण के 10 साल बाद भी किसानों को रोजगार मुहैया नहीं कराया गया। दामिनी यूजी माइंस द्वारा किसानों की 810 एकड भूमि का अधिग्रण किया है। अधिग्रहित भूमि के बदले कोल प्रबंधन को प्रति 2 एकड के हिसाब से 405 किसानों को जमीन के बदले रोजगार देना है। जिसके एवज में 140 किसानों ने रोजगार पाने के लिए आवेदन की फाइल भी जमा कर दी है।
छह साल बाद दिया मुआवजा
दामिनी माइंस द्वारा वर्ष 2012 में किसानों की भूमि कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित की थी। जिसके बदले 6 साल बाद वर्ष 2018 में किसानों को मुआवजा वितरण किया गया। रोजगार की प्रक्रिया के अगले चरण में वर्ष 2019 में एसडीएम की अध्यक्षता में डीआरसीसी की बैठक हुई थी। जिसमें किसानों और कोल प्रबंधन के बीच रोजगार देने की बात पर सहमति भी बन गई लेकिन तीन साल से किसान रोजगार की आस में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। इसके लिए किसान शहडोल सांसद की अगुवाई में एसईसीएल सीएमडी से भी मुलाकात कर समस्या से अवगत करा चुके हैं। इसके अलावा सीएम, प्रभारी मंत्री, कमिश्नर, कलेक्टर को कितनी बार आवेदन दिया गया। सैकड़ो प्रयास के बाद थक हार चुके किसानों ने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। किसानों का कहना है कि रोजगार नहीं मिला तो वह दामिनी कालरी गेट के सामने आतमदाह करने बाध्य होंगे।
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