तेज हवा के साथ हो सकती है बारिश
मौसम विभाग से जारी एडवाइजरी के अनुसार आगामी दिनों में भी तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। आगामी 27 फरवरी तक जिले का अधिकतम तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इस दौरान आद्र्रता सुबह 86 प्रतिशत और दोपहर मेें 21 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हवा की गति 6.6 से 7.4 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है।
दो दिन में हो गई 113 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश
भू-अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों में 113 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो गई है। जिसमें सर्वाधिक 56 मिलीमीटर बारिश सोहागपुर तहसील में हुई। जयसिंहनगर तहसील में पांच, बुढ़ार तहसील क्षेत्र में आठ मिलीमीटर, गोहपारू में 18 मिलीमीटर, जैतपुर में 21 मिलीमीटर व ब्यौहारी तहसील क्षेत्र में पांच मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
जिले में अब तक हुई बारिश
सोहागपुर 1036
बुढ़ार 1023
गोहपारू 1244
जैतपुर 1191
ब्यौहारी 1217
जयसिंहनगर 1104
ेेेकुल वर्षा 6815
औसत वर्षा 1135.8
(बारिश का आंकड़ा मिलीमीटर में)
हजारों का हुआ नुकसान
कृषक लाल बाबू पटेल ने बताया कि ओलावृष्टि से उसका करीब 50 से 60 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। उसने अपनी दस एकड़ जमीन पर गेहूं, चना, मसूर सहित सब्जी की भी खेती की थी।
चौपट हो गई सब्जियां
ेकृषक रामकिशोर ने बताया कि उसने इस बार अपने खेतों में मेथी, पालक, लाल भाजी, गोभी, टमाटर, धनिया सहित अन्य कई फसलों की बोनी की थी। जो ओलावृष्टि से चौपट हो गई है।
मवेशी भी हुए है घायल
कृषक रामकृपाल ने बताया कि रविवार को उनके ग्राम सिंदुरी में आलू आकार के ओले गिरे है। जिससे फसलों का नुकसान तो हुआ ही है। मवेशी भी चोंटिल हुए हैं।
कंगाल हो गया किसान
कृषक मूलचन्द्र ने बताया कि ओलावृष्टि से हमारे गांव का हर किसान कंगाल हो गया है। उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है और उसकी मदद करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
घर के खप्पर भी टूट गए
ग्राम सिंदुरी निवासी कृषक पुन्नुलाल ने बताया कि बड़े साइज के ओलों से उसके घरों के खप्पर भी टूट गए है। साथ खेतों में लगी कई फसलों का काफी नुकसान हुआ है।
जमीन लेटी फसल देख आया रोना
ग्राम कटहरी निवासी कृषक कमलेश तिवारी ने बताया कि रविवार को ओलावृष्टि के बाद खेतों में जमीन पर लेटी फसल देखकर उन्हे रोना आ गया। उनका लाखों का नुकसान हुआ है।
इनका कहना है
बारिश व ओले की वजह से किन क्षेत्रों में फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है, इसके सर्वे के लिए राजस्व अमले को निर्देशित किया गया है।
धर्मेन्द्र मिश्रा, संयुक्त कलेक्टर शहडोल
खैरहा, सिंहपुर सहित अन्य क्षेत्रों में पटवारी व आरआई को निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
मिलिन्द नागदेव, एसडीएम सोहागपुर
जिले के कई हिस्सों में ओलावृष्टि की खबर है। जिसके लिए विकासखण्ड स्तर पर विभागीय अमले को गांवोंं में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लेने को कहा गया है। फसलों के आकलन के बाद ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
जेएस पंद्राम, उपसंचालक, कृषि विभाग, शहडोल
जिले में जहां भी ओलावृष्टि हुई है, उससे फसलों के नुकसान होनेे के अलावा अन्य कोई उम्मीद शेष नहीं बचती है। ऐसी दशा में किसानों को जायद फसलोंं की दोबारा बोनी करनी पड़ेगी। वैसे देरी से बोई गई गेहूं की फसल मेंं ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि उसमें अभी बालियां नहीं आई है।
डॉ. मृगेन्द्र सिंह, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, केव्हीके, शहडोल
बारिश व ओलावृष्टि से चने की फसल जमीन पर बिछ गई है, ओलों के मार की क्षति एक-दो दिन के बाद और समझ में आएगा। कुल मिलाकर चना, मसूर व अलसी की फसल ज्यादा नष्ट हुई है। प्रशासन को क्षति का आंकलन कर क्षतिपूर्ति का प्रस्ताव शासन को भेजना चाहिए। सर्वाधिक नुकसान मुनगा की फसल को हुआ है, क्योंकि पूरे फू ल झड़ गये हैं।
भानु प्रताप सिंह, पूर्व कृषि वैज्ञानिक, शहडोल