यह बात मंडी गेट के समीप अन्नपूर्णा नगर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कथावाचक महेश गुरु ने कहीं। कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। श्रद्धालु कृष्ण जन्मोत्सव पर थिरकते नजर आए और पूरा पांडाल नंद के घर आनंद भयों के भजन से गंूजायमान हो उठा। कथावाचक महेश गुरु ने आगे कथा में बताया कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जेल के ताले टूट गए, पहरेदार सो गए, वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार कर के उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्ति रूपा बेटी को लेकर चले आए। कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्यारूपी शक्ति रूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की और लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों का तांता लग गया।
अच्छा करोगे तो अच्छा होगा
कथावाचक महेश गुरु ने कहा कि मनुष्य जैसा करेगा उसे वैसा ही फल भुगतना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि यदि आप गलत करोगे तो उसका परिणाम निश्चित ही गलत मिलेगा और अच्छा करोगे तो परिणाम बेतहर व सार्थक मिलेगा। अब आपके ऊपर ही निर्भर करता है कि आपको किस मार्ग पर चलना है। गलत करोगे तो जीवन बर्बाद हो जाएगा और सच्चाई, ईमानदारी के मार्ग पर चलोगे तो उद्धार हो जाएगा। इस अवसर पर बाबूलाल पटेल, कल्याणसिंह खजूरिया, तेजसिंह कप्तान, मनोज वैद्य, धर्मेंद्र ठाकुर, मदन विश्वकर्मा, पप्पू सेठ सहित आसपास के काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।