उन्होंने कहा कि ऐसा सुखए ऐसा वात्सल्य आनन्द संसार में किसी को प्राप्त न हुआ है न होगा। श्रीशुकदेवजी तो श्रीयशोदाजी को वात्सल्य साम्राज्य के सिंहासन पर बिठाकर उनको दण्डवत् करते हुए कहते है। कथा के चौथे दिन नगर पालिका अध्यक्ष अमिता जसपाल अरोरा, अग्रवाल महिला मंडल अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में भाग लिया।
पंडित मिश्रा ने कहा कि परमात्मा के चिंतन करने से गर्भ में भी जीव की रक्षा हो सकती हैए जीव को ज्ञान प्राप्त होता है। मां के संस्कार बच्चे को इंसान बना सकता है। घर, परिवार, समाज का उत्थान माताओं पर निर्भर है। बेटे की प्रथम गुरु मां होती है। मां के पास बच्चों के संस्कार का खजाना होता है। शरीर के अंदर मनुष्य की दो धाराएं होती हैं, विचारों और विकारों की। विचार सदगुण और धर्म को जन्म देता है जबकि विकार दुर्गुण और अधर्म पैदा करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि संकट काल में मानव को विचार करना चाहिए। शनिवार को पहले भगवान श्रीराम और उसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
अग्रवाल महिला मंडल अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल ने बताया कि कथा के पांचवें दिवस गोवर्धन पूजन और छप्पन भोग आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बताया कि कथा दोपहर दो बजे से पांच बजे तक किया जा रहा है।