पुलिस के अनुसार सीहोर निवासी रवि पिता राजेंद्र कुमार अग्रवाल की मंडी के इंडस्ट्रीयल एरिया में बॉयोकोल (भूसे और अन्य सामान मिलाकर मशीन से जलाने वाला गिट्टा बनाना) की फैक्ट्री है। बताया जाता है कि बॉयोकोल बनाने खरीदे भूसे को इंडस्ट्री के पीछे खाली पड़ी जगह में ढेर लगा दिया था। इस ढेर में अचानक अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। सूचना पर सीहोर की चार दमकल मौके पर पहुंची, लेकिन आग नहीं बुझी तो इछावर और आष्टा नगर पालिका की दमकल बुलाना पड़ी। दमकल और टैंकर की मदद से पुलिस, नगर पालिका कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने पानी का छिड़काव कर बड़़ी मशक्कत कर काबू पाया। उसके बाद भी शाम तक कई जगह से आग की चिंगारी निकलती रही।
तो हो सकता था ज्यादा नुकसान
रवि अग्रवाल ने पत्रिका को बताया कि बॉयोकोल बनाने के लिए करीब पांच हजार टन भूसे का स्टॉक किया था। यह स्टॉक इधर-उधर से भूसा खरीदने केे बाद हुआ था। जिसके जलने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। रवि ने बताया कि वापस कहा से इतना स्टॉक कर व्यवस्था बनाएंगे समझ नहीं आ रहा है। आग समय रहते नहीं बुझती तो और ज्यादा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता था। बताया जाता है कि पिछले साल भी यहां इसी तरह से भयानक आग लगी थी।
धुएं का फैला गुबार
घटना स्थल के आसपास प्रेमनगर सहित अन्य कॉलोनी में करीब पांच हजार लोग निवास करते हैं, उनमें भी दशहत का माहौल बन गया था। आग का धुआं फैलता हुआ जब इन कॉलोनी तक पहुंचा तो लोगों का दम घुटने लगा था। जिससे बचने मजबूरी में काफी देर तक लोगों को मकान के खिड़की, दरवाजे बंद करने पड़े, जबकि कई को दूसरी जगह जाना पड़ा। यह सभी लोग घर से बाहर तभी निकले जब स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई थी।
एक नजर में पूरा घटना क्रम
– 1.10 पर लगी आग
– 06 दमकल बुलाना पड़ी
– 03 घंटे में बुझी आग
– 04 घंटे दशहत में रहे चार हजार लोग
वर्जन…
इंडस्ट्री के पीछे खाली जगह में भूसा पड़ा था जिसमें आग लगी थी। सीहोर, आष्टा, इछावर की दमकल से काबू कर लिया है। प्रारंभिक स्तर पर ऊपर से निकली हाइटेंशन लाइन में शार्टसर्किट होने से भी आग लगना हो सकता है। हालांकि मामले की जांच कर रहे हैं, उसके बाद वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
मनोज मिश्रा, टीआइ थाना मंडी सीहोर