6 साल की मेहनत के बाद नासा को मिली कामयाबी, 174 करोड़ में तैयार किया खास टॉयलेट

Special Toilet For Astronauts : NASA ने 6 साल की मेहनत से बनाया खास टॉयलेट, महिला और पुरुष दोनों एस्ट्रोनॉटस कर सकते हैं इस्तेमाल
6 साल की मेहनत के बाद नासा को मिली कामयाबी, 174 करोड़ में तैयार किया खास टॉयलेट

<p>Special Toilet For Astronauts </p>
नई दिल्ली। घरों में टॉयलेट (Toilet) होना एक आम बात है, लेकिन अगर आपको कहा जाए कि क्या आपने कभी 174 करोड़ के टॉयलेट के बारे में सुना है तो। जाहिर-सी बात है आप कहेंगे कि आखिर इसमें ऐसा क्या है। दरअसल ये कोई मामूली टॉयलेट नहीं बल्कि अंतरिक्ष में इस्तेमाल की जाने वाली एक अहम चीज है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने करीब 23 मिलियन डॉलर्स,यानी 174 करोड़ रुपए में इसे तैयार किया है। इसे छह के साल के रिसर्च के बाद बनाया गया है।
नासा ने इस टॉयलेट का नाम यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Universal Waste Management System UWMS) रखा है। मालूम हो कि अभी तक अंतरिक्ष में पुराने तकनीक के टॉयलेट का उपयोग किया जा रहा था। पुराना टॉयलेट महिलाओं के हिसाब से नहीं था। इसलिए वैज्ञानिकों ने इसमें बदलाव करते हुए इसे महिलाओं एवं पुरुषों (Astronauts) दोनों के सामान रूप से इस्तेमाल किए जाने लायक बनाया है। अभी तक नासा में जिस टॉयलेट का उपयोग हो रहा था उसे माइक्रोग्रैविटी टॉयलेट कहते थे। यह मल को खींचकर उसे रिसाइकल करता था। जबकि नए तकनीक से बनाए गए टॉयलेट में अब फनल-फंक्शन सिस्टम होगा। इसे उपयोग करने में आसानी होगी।
पुराने टॉयलेट की तुलना में नया टॉयलेट जगह कम घेरेगा। इसका वजन भी कम है। इसमें यूरिन ट्रीटमेंट की सुविधा है। साथ ही अंतरिक्षयात्रियों को टॉयलेट पर बैठते समय पैर फंसाने के लिए जगह बनाई गई है। इसके अलावा इस टॉयलेट में मल और यूरिन को अलग करने में आसानी होगी। जबकि पुराने तकनीक से बने टॉयलेट में दिक्कतें आती थी। स्पेस स्टेशन के बाद इस टॉयलेट का उपयोग रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट में किया जा सकता है। नासा इसका उपयोग साल 2024 में अपने मून मिशन में करेगा।
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