खगोलविदों ने यूरोपियन साउदर्न ऑबजर्वेटरी (ESO) के वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) का उपयोग करते हुए पाया कि ड्वार्फ गैलेक्सी का विशालकाय तारा बिना किसी सुराग के गायब हो गया है। यह तारा हमारी पृथ्वी से 7.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित था। इस तारे का अध्ययन वैज्ञानिकों ने साल 2001 से लेकर 2011 तक किया था। इस तारे के गायब होने को लेकर अलग—अलग थ्योरी सामने आ रही है। कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक तारा अपने अंतिम पड़ाव पर था। जबकि कुछ का मानना है कि ये ब्लैकहोल में चला गया है।
शोाधकर्ता किनमैन ड्वार्फ पर स्थित इस तारे का अध्ययन इसलिए कर रहे थे ताकि तारे का अंत कैसे होता है इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझा जा सके। मगर ये जब 2019 में जब खगोलविदों ने ESO के VLT को जब इस गैलेक्सी के तारे की ओर केंद्रित किया, वे यह जानकर हैरान हो गए कि तारा वहां था ही नहीं। डबलिन आयरलैंड के ट्रिनिटी कॉलेज के पीएचडी छात्र एंड्रयू ऐलन की अगुआई में किए गए इस अध्ययन में कई बातें पता चली। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तारा अपनी चमक खोते हुए धूल की वजह से दिखाई नहीं दे रहा होगा। इसके अलावा तारे के ब्लैकहोल में जाने की भी आशंका है।
एलन का कहना है कि इतने विशालकाय तारे का एक चमकीले सुपरनोवा विस्फोट को पैदा किए बिना इस तरह गायब हो जाना वाकई हैरान करने वाला है। अब इस तारे के बारे में ज्यादा जानने के लिए ESO के एक्स्ट्रीमली लार्ज टेलीस्कोप (ELT) से एक बार और अवलोकन करने की कोशिश करेंगे। ये टेलीस्कोप तारे के आस—पास की हाई रेजोल्यूशन पिक्चर लेने में मदद करेगा।