विज्ञान और टेक्नोलॉजी

नवाचार : सोलर पैनल प्रभावी बनाने पर जोर

अब ग्रिड के आकार के सोलर फार्म अत्याधुनिक कोयला या गैस संयंत्र के मुकाबले सस्ते हैं।

नई दिल्लीJul 09, 2021 / 08:40 am

विकास गुप्ता

नवाचार : सोलर पैनल प्रभावी बनाने पर जोर

सौर ऊर्जा उद्योग कई दशकों से सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत कम करने पर ध्यान दे रहा था। अब सोलर पैनल को और अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उपकरण निर्माण में बचत और कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर सौर ऊर्जा उत्पादक आधुनिक तकनीक को अधिक महत्त्व दे रहे हैं। जैसे वे बेहतर घटकों का निर्माण कर ऐसी डिजाइन के पैनल बना रहे हैं कि एक ही आकार के सोलर फार्म से ज्यादा बिजली पैदा की जा सके। वुड मैकेंजी में वैश्विक अनुसंधानकर्ता जियाओजिंग सन के अनुसार, इक्कीसवीं सदी में पहले 20 सालों में कीमतों में काफी गिरावट देखी गई, परन्तु पिछले कुछ समय से कीमतों में कमी आने की रफ्तार घटी है। अधिक सशक्त सौर उपकरण बनाने की कवायद इस बात को रेखांकित करती है कि परम्परागत ईंधन से नए ऊर्जा स्रोत अपनाने के लिए लागत में कटौती कितनी जरूरी है। अब ग्रिड के आकार के सोलर फार्म अत्याधुनिक कोयला या गैस संयंत्र के मुकाबले सस्ते हैं।

स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को महंगी भंडारण तकनीक के साथ जोडऩे के लिए अतिरिक्त बचत की आवश्यकता होगी। बड़े कारखानों, स्वचालन के उपयोग और अधिक कुशल उत्पादन विधियों से सौर क्षेत्र में श्रम लागत कम हुई है। साथ ही सामान की बर्बादी भी कम हुई है। 2010 से 2020 के बीच सोलर पैनल की औसत लागत में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है। प्रति पैनल ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने से आशय है कि छोटे आकार के पैनल से भी बड़े जितनी ही बिजली पैदा की जा सके। पिछले दशक तक जहां ज्यादातर सोलर पैनल 400 वाट के ही हैं, वहीं 2020 तक आते-आते 500 व 700 वाट तक के सोलर पैनल मिलने लगे।

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