क्या होती है ‘मेटाडेटा लोकेशन? क्यों जरूरी है छिपाना

क्या सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए आप भी करते हैं ये गलती

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सोशल मीडिया (Social Media) पर अपनी फोटो अपलोड करना युवाओं की नियमित दिनचर्या का हिस्सा है। लेकिन ज्यादातर युवाओं को नहीं पता कि इन फोटो के जरिए साइबर अपराधी (Cyber Criminals) उनकी वास्तविक लोकेशन और अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं। दरअसल, कुछ तस्वीरों में, मेटाडेटा (Metadata) होता है, जिसका उपयोग आपको ऑनलाइन ट्रैक (Online Tracking) करने के लिए किया जा सकता है, जहां वह फोटो खींचा गया था। लेकिन आप अपनी तस्वीर को अपलोड करने से पहले इस मेटाडेटा लोकेशन (Metadata Location) को छिपा भी सकते हैं। आइए जानते हैं कि किसी फोटो में छिपी मेटाडेटा लोकेशन को कैसे सुरक्षित रखें-

01. -सोशल मीडिया या मैसेंजर ऐप पर जब हम कोई तस्वीर अपने एन्ड्राएड फोन से साझा करते हैं तो फोन का सर्वर फोटो की तारीख, फोटो लेने का स्थान और समय की जानकारी भी अपलोड कर देता है।

02. -यह जानकारी उक्त फोटो की छिपी हुई फाइलों के ‘एग्जिफ मेटाडेटा’ (Exif metadata) में स्थित हो सकती है। यह कितना कारगर टूल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह किसी भी यूजर की तस्वीरों को फोटो में नजर आ रही जगह के आधार पर छांटने में मदद करने में उपयोगी है।

03. -हाल ही ऐपल और शाओमी जैसी कुछ कंपनियां इस तथ्य से रूबरू हुई हैं और वे यूजर्स को शेयरिंग के समय इस जानकारी को छिपाने में मदद करने के लिए कुछ नए फंक्शंस भी लाई हैं। हालांकि, एन्ड्राएड यूजर्स को अब भी इस जानकारी को छिपाने के लिए एक खास ऐप ‘स्क्रैम्बल्ड एग्जिफ’ (the Scrambled-Exif) डाउनलोड करना होगा। यह ऐप ठीक अपने नाम की ही तरह फोटो के डेटा को सूडो रैंडम एल्गोरिद्म की मदद से साइबर चोरों की नजरों से छिपा देता है। इस जानकारी को सिर्फ यूजर ही एल्गोरिद्म से मिलने वाली सीक्रेट की से खोल सकता है।

क्या होती है 'मेटाडेटा लोकेशन? क्यों जरूरी है छिपाना

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