केवल 3 सावधानियों से खत्म हो सकती है 90 फीसदी स्वास्थ्य समस्याएं
आज पूरी दुनिया में टीबी, एचआइवी और मलेरिया से हर साल 40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। जबकि सुरक्षित सर्जरी तक पहुंच न होने की वजह से दुनिया में सालाना 7 करोड़ (70 मिलियन) लोगों की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं अगर तीन बुनियादी जरूरतों- आपातकालीन सीजेरियन सेक्शन, एपेंडिक्स बर्स्ट होने पर लैपरोटॉमी और गंभीर फ्रैक्चर्स के लिए सर्जरी पर भी ठीक से ध्यान दें तो देश की 90 फीसदी हैल्थकेयर समस्याओं से निपटा जा सकता है।
भारत में एआइ के सामने यह समस्या
हैल्थकेयर सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीक के इस्तेमाल का रास्ता भारत में थोड़ा चुनौती भरा है। दरअसल, डेटा एनालिसिस और एआइ के लिए बड़ी संख्या में data की जरुरत होती है, लेकिन भारत में आज भी 95 फीसदी अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकार्ड्स (ईएमआर) नहीं है। वहीं मैन्युअल डेटा पर सौ फीसदी भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए देश के सभी अस्पतालों में ईएमआर व्यवस्था लागू न होने से हैल्थकेयर सेक्टर में डेटा एनालिसिस और एआइ की भूमिका अब भी सीमित ही है। वहीं लोगों को भी अपना हैल्थ रेकॉर्ड डिजिटल फॉर्मेट में रखना होगा।