चॉंद को लेकर चौंकाने वाली खबर लाया भारत का चंद्रयान 1, नासा ने भी की पुष्टि

वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय इलाकों के अंधेरे और ठंडे हिस्सों में जमा हुआ पानी मिलने का दावा किया है। यह दावा चंद्रयान-1 से मिली जानकारी के आधार पर किया गया है।

<p>चॉंद को लेकर चौंकाने वाली खबर लाया भारत का चंद्रयान 1, नासा ने भी की पुष्टि</p>
करीब दस साल पहले भारत ने चंद्रमा की जानकारी जुटाने के लिए जिस चंद्रयान -१ को लॉन्च किया था, वो एक नई और सनसनीखेज जानकारी लेकर आया है जिसके चलते अंतरिक्ष में भारतीय मिशन का झंडा बुलंद हो गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय इलाकों के अंधेरे और ठंडे हिस्सों में जमा हुआ पानी मिलने का दावा किया है। यह दावा चंद्रयान-1 से मिली जानकारी के आधार पर किया गया है। चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण भारत ने 10 साल पहले किया था।
इससे पहले चंद्रमा पर पानी मिलने का दावा किया गया था और अब जमा हुआ पानी मिलने के बाद संभावना है कि चंद्र मिशन पर जाने वाले लोगों को लिए संसाधन के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
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जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित शोध के मुताबिक यह बर्फ कुछ-कुछ दूरी पर है और संभवत: बहुत पुरानी है। भारत ने साल 2008 में अपने बहुअायामी चंद्रयान-1 को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह की जानकारी इकट्ठी करने के साथ ही वहां मौजूद कीमती धातुओं का पता लगाना था।
हालांकि चंद्रयान – १ को महज दो साल के लिए ही मिशन पर भेजा गया था लेकिन लॉन्चिंग के एक साल बाद ही इसरो का इस यान से संपर्क टूट किया गया। लेकिन बीते साल नासा ने ही चंद्रयान 1 को खोज निकाला था। चंद्रयान-1 को नासा ने भूमि आधारित रेडार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ढूंढा था।
नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि चंद्रयान ने चंद्रमा के पोलर रीजन यानी गहरे अंधेरे क्षेत्र में बर्फ होने की पुष्टि की है। कहा जा रहा है कि उत्तर पोल पर बर्फ की मोटी परत है जबकि दक्षिणी पोल पर मौजूद गड्डों में बर्फ होने की गहरी संभावनाएं है। ये वो जगहें है जहां सूरज की रौशनी कभी नहीं पहुंचती और सरदी के मौसम में यहां का तापमान -१५० डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता होगा।
चंद्रयान के इन संकेतों ने अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र में जहां भारत की स्थिति को मजबूत किया है वहीं दुनिया में यह भारत के लिए बेहद सम्मान की बात साबित हो सकती है।
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