दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) द्वारा जीएसएलवी रॉकेट ‘अर्थ ऑवजर्वेशन सैटेलाइट’ ईओएस-03 (EOS-03) का प्रक्षेपण गुरुवार सुबह करीब 5:40 पर शुरू हुआ। लॉन्चिंग के दौरान श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के बाद सैटेलाइट ने दो चरण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए थे, लेकिन 18 मिनट के बाद क्रायोजेनिक इंजन (Cryogenic engine fails) में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। इसके बाद क्रायोजेनिक इंजन से आंकड़े मिलने बंद हो गए और कुछ देर बाद इसरो ने मिशन के पूरा नहीं होने की घोषणा की।
इसलिए पूरा नहीं हो पाया मिशन
इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, ‘ मिशन मुख्य रूप से क्रायोजेनिक चरण में एक तकनीकी परेशानी के चलते पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हुआ।’ उन्होंने बताया कि पहले इसका प्रक्षेपण इस साल अप्रैल या मई में होना था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर इसे टाल दिया गया था। बता दें कि फरवरी में ब्राजील के इसी तरह के सेटेलाइट एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा मिशन था।
इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, ‘ मिशन मुख्य रूप से क्रायोजेनिक चरण में एक तकनीकी परेशानी के चलते पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हुआ।’ उन्होंने बताया कि पहले इसका प्रक्षेपण इस साल अप्रैल या मई में होना था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर इसे टाल दिया गया था। बता दें कि फरवरी में ब्राजील के इसी तरह के सेटेलाइट एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा मिशन था।
दो चरणों तक सामान्य रहा प्रदर्शन
मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, उड़ान भरने से पहले, ‘लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी। पहले और दूसरे चरण में EOS-03 का प्रदर्शन सामान्य रहा, लेकिन कुछ मिनटों बाद वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई कि ‘ कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।’
मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, उड़ान भरने से पहले, ‘लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी। पहले और दूसरे चरण में EOS-03 का प्रदर्शन सामान्य रहा, लेकिन कुछ मिनटों बाद वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई कि ‘ कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।’
आपदाओं से करेगा खबरदार
जानकारों का कहना है कि इसका प्रक्षेपण सफल होने से भारत की ताकत में और इजाफा होगा। यह ईओएस-03 उपग्रह भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में सक्षम होगा। साथ ही ये सैटेलाइट सीमा की सुरक्षा में भी मदद करेगा। दरअसल, ये एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जो भारत की जमीन और उसके सीमाओं पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा।
जानकारों का कहना है कि इसका प्रक्षेपण सफल होने से भारत की ताकत में और इजाफा होगा। यह ईओएस-03 उपग्रह भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में सक्षम होगा। साथ ही ये सैटेलाइट सीमा की सुरक्षा में भी मदद करेगा। दरअसल, ये एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जो भारत की जमीन और उसके सीमाओं पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा।