पटनायक ने यह भी कहा कि ‘2008 GO20’ क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षुद्रग्रह 2034 में फिर से पृथ्वी पर आएगा। पटनायक ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “हमें घबराना नहीं चाहिए और हम पूर्णतः सुरक्षित हैं क्योंकि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से नहीं टकराने वाला।”
पहले भी आ चुका है यह क्षुद्रग्र डॉ. सुवेंदु पटनायक के अनुसार, “यह क्षुद्रग्रह 1935 और 1977 में क्रमशः 19 लाख किलोमीटर और 29 लाख किमी की दूरी पर पृथ्वी का दौरा कर चुका है। उस समय, यह उड़ गया और कभी पृथ्वी की ओर नहीं आया। इस बार यह लगभग 45 लाख किमी दूर है, जो पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी से लगभग 11 से 12 गुना अधिक है, इसलिए पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है।”
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25 जुलाई को रात 11:21 बजे होगा सबसे करीब पटनायक के अनुसार, ‘2008 G20’ भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार 25 जुलाई, 2021 को रात 11.21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब होगा। उन्होंने यह भी बताया कि विशाल क्षुद्रग्रह की चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर होने का अनुमान है जो एक साथ रखे गए चार फुटबॉल मैदानों के आकार के आसपास होगी। उन्होंने कहा कि यह 29,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ग्रह की ओर बढ़ रहा है, जो औसतन 8 किलोमीटर प्रति सेकेंड है। यह भी पढ़ें
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डॉ. पटनायक ने कहा, “इस तेज गति को देखते हुए, क्षुद्रग्रह के रास्ते को पार करने वाली कोई भी चीज नष्ट हो जाएगी।” पटनायक ने कहा कि मंगल और बृहस्पति के बीच कई क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इनका आकार एक मीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक होता है। उन्होंने कहा कि इन लाखों क्षुद्रग्रहों में से कुछ कभी-कभी गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा पृथ्वी की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन उनमें से 99.9 प्रतिशत से अधिक पृथ्वी की सतह से टकराने से पहले ही वायुमंडल में जल कर राख हो जाते हैं। 1045 क्षुद्रग्रहों से संभावित ख़तरा पटनायक के अनुसार, “वैज्ञानिकों ने अब 23,628 से अधिक बड़े क्षुद्रग्रहों की एक सूची तैयार की है जो पृथ्वी के करीब आते हैं और उनकी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। इनमें से केवल 1,045 को संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रहों के रूप में छांटा गया है, जिन्हें नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (एनईओ) नाम दिया गया है।”
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