सादगी से मनाया दशहरा पर्व

-जिलेभर में दिनभर हुए कई धार्मिक आयोजन

<p>खण्डार. कस्बे के एक मोहल्ले में रावण दहन करते लोग।</p>
सवाईमाधोपुर. बुराई पर अच्छाई का प्रतीक विजयादशमी का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस साल कोरोना के चलते पिछले वर्षों की तरह भव्य आयोजन नहीं हुए। वहीं रावण दहन सहित अन्य कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। इधर, रविवार को लोगों ने सुबह नवमी मनाई तो शाम को दशहरा मनाया। इस बार जिला मुख्यालय पर रावण दहन नहीं होने से शहरवासी निराशा हुए।
बरवाड़ा में नहीं हुआ दशहरा दहन
चौथ का बरवाड़ा. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में वर्षों से चली आ रही रावण दहन की परम्परा इस बार कोविड-19 संक्रमण के चलते नहीं निभाई गई। हालांकि बालकों ने रावण का पुतला बनाकर दहन किया। सरपंच सीता सैनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के निर्देशों के तहत इस बार दशहरा मैदान में रावण का दहन नहीं किया गया। वहीं बोहराजी के चौक में स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रार्थना की गई।
पहले कल्या पूजन फिर रावण रूपी बुराई का अंत
मलारना डूंगर. महानवमी पर पहले माता सिद्धीदात्री की पूजा की गई। इसके बाद शाम को शुभमुहूर्त पर शस्त्र पूजन कर बुराई के प्रतीक रावण का अंत किया गया। कोविड गाइड लाइन की पालना करते लोगों ने पारिवारिक स्तर पर ही रावणदहन कर जीवन में बुराई को त्यागने का संकल्प लिया। इससे पूर्व सुबह कन्या पूजन हुआ।
भक्ताओं ने कन्याओं की पूजा कर भोजन भी कराया। मुगल कुआ स्थित मंशा माता मन्दिर के महंत रामकृषण शर्मा ने बताया कि इस बार नवमी व विजयादशमी का एक पर्व एक ही दिन मनाया गया। माता के मन्दिरों में विशेष सजावट की गई। शोासल डिस्टेसिंग व सरकारी गाइड लाइनों की पालना करते हुए भक्तों ने माता के दरबार में ढोक लगाई। महंत शर्मा ने बताया कि इस बार कोविड के चलते कस्बे में रावण दहन के सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक के चलते लोगों ने अपने परिवार के साथ घरों पर छोटे छोटे रावण के पुतले बना कर दहन किया। साथ ही जीवन से बुराई को त्यागने का प्रण लिया।
गली-मोहल्लों में जलाया रावण
खण्डार. उपखण्ड मुख्यालय पर दशहरा का पर्व सादगी से मनाया गया। कोरोना एडवाइजरी के चलते प्रशासन की ओर से रावण दहन कार्यक्रम स्थिगित कर दिया गया था। इसके बाद भी कस्बे में गली मौहल्लों में रावण दहन किया गया। कस्बे में रामलीला मैदान, रघुनाथ मंदिर मौहल्ला, बस्सी मौहल्ला व छापर कॉलोनी आदि जगहों पर रावण का पुतला बना कर उसका दहन किया गया।
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