मामला सतना चित्रकूट हाईवे का है, हाइवे से सटे ही दो बच्चे खेत में खेल रहे थे। दोनों खेलते-खेलते हाइवे तक पहुंच गए और वहां पहले खोदे गए गड्ढे में गिर पड़े। गड्ढे में गिरते ही बच्चों की जी चीख निकली उसे सुन कर परिवार के लोग दौड़ कर मौके पर पहुंचे और उन्हें गड्ढे से निकाल कर समीप के जानकीकुंड चिकित्सालय ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना से उत्तेजित ग्रामीम और बच्चों के परिजनों ने मिल कर सतना-चित्रकूट मार्ग बंद कर दिया। वो संबंधित ठेकेदार को बच्चों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि मौके पर पहुंचे पुलिस आधिकारियो ने कार्रवाई का भरोसा दे कर किसी तरह से रास्ता खुलवाया है।
जानकारी के अनुसार परिजनो के साथ खेत गए दीपक (उम्र 9 वर्ष) और बेटी निशा (7वर्ष) खेत में ही खेल रहे थे। खेलते-खेलते दोनों अचानक सडक के गहरे गड्ढे में जा गिरे। बच्चों के चीख सुनकर परिजन वहां पहुचे और बच्चों को निकाल कर जानकीकुंड अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
बच्चों की मौत की जानकारी होते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। लोगों ने बच्चों का शव सतना-चित्रकूट मार्ग पर रख कर रास्ता बंद कर दिया। ऐसे में हाइवे पर भारी जाम लग गया। घटना की जानकारी होने पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियो ने परिजनों से चर्चा की और कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब जा कर रास्ता खुला और बच्चों का शव लेकर परिजन चले गए।