शहरवासियों से छल: जिला अस्पताल को मिले दो ऑक्सीजन प्लांट अमरपाटन और नागौद शिफ्ट करने की साजिश

तीसरी लहर से बचाव की तैयारी कमजोर, पीएम केयर फंड के ऑक्सीजन प्लांट अभी तक शुरू नहीं
 

<p>oxygen plant Satna </p>
सतना. कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की तैयारी के बीच शहरवासियों से छल की रूपरेखा भी बना ली गई है। जिला अस्पताल के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड से स्वीकृत दो ऑक्सीजन प्लांट अभी शुरू भी नहीं हो पाए कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री राहत कोष से निर्माणाधीन दो ऑक्सीजन प्लांट सिविल अस्पताल अमरपाटन और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागौद शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस पर स्वास्थ्य अधिकारियों का तर्क है कि पीएम केयर फंड के दो प्लांट से पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी। हालांकि जिम्मेदारों को कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए इस पर भी विचार करना चाहिए कि सबसे ज्यादा मरीज जिला अस्पताल में ही आते हैं।
ऑक्सीजन की किल्लत हुई थी

दूसरी लहर में भी यही स्थिति बनी थी। सिविल अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों से मरीज रेफर किए गए थे। इसी कारण जिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन की किल्लत हुई थी। दरअसल, प्रधानमंत्री केयर फंड के पहले राज्य सरकार और मुख्यमंत्री राहत कोष मद से 600 और 550 लीटर प्रति मिनिट क्षमता वाले दो ऑक्सीजन प्लांट जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत किए गए। दोनों प्लांट के बेस बनकर तैयार हो चुके हैं। एक ट्रामा यूनिट के पास तो दूसरा आईपीपी-६ के पास तैयार है।
आईपीपी-6 के प्लांट को शिफ्ट करने का निर्णय
जिले के अफसरों द्वारा अब आईपीपी-६ के पास स्थापित किए जाने वाले ऑक्सीजन प्लांट को सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया जा चुका है। वहीं दूसरे प्लांट को भी शिफ्ट करने की प्लॉनिंग की जा रही है।
जिला अस्पताल में एक हजार लीटर के दो प्लांट
जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री केयर फंड से एक-एक हजार लीटर के दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। दोनों प्लांट से प्रति मिनट दो हजार लीटर ऑक्सीजन मिल सकेगी।
पाइपलाइन के लिए भी राशि स्वीकृत
जिला अस्पताल आईपीपी-६ के पास स्थापित किए जाने वाले 600 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट की वार्डों तक लगाई जाने वाली पाइपलाइन, ट्रांसफार्मर सहित अन्य काम के लिए संचालनालय स्वास्थ्य सेवा द्वारा 19.57 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे सयंत्र आने के पहले ही बाकी काम पूरे किए जा सके। बीते दिनों संचालनालय स्वास्थ्य सेवा ने अस्पताल प्रबंधन को राशि स्वीकृत होने की जानकारी दी थी। इसके बाद काम में भी तेजी आई है।

पैसों का दुरुपयोग
पहले बनाना फिर उखाडऩा, यह जनता के पैसों का दुरुपयोग है। जिला अस्पताल के पास आधा दर्जन से ज्यादा वेंटीलेटर हैं पर प्रशिक्षित अधिकारी-कर्मचारी नहीं होने से उपयोग नहीं हो पा रहे थे। यही हालत ग्रामीण अंचल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बाद होगी। प्रशिक्षित अमले के अभाव में लोगों को सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा।
द्वारिका गुप्ता, अध्यक्ष विंध्य चेम्बर
गंभीर नहीं प्रशासन
सरकार कोरोना वायरस की रोकथाम और पीडि़तों को चिकित्सा मुहैया कराने में नाकाम साबित हुई है। तीसरी लहर की आशंका के बाद भी गंभीर नहीं है। जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट स्थापित न होना पाना इसका उदाहरण है। यह लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ सकती है।
दिलीप मिश्रा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
जनता को मिलेगा लाभ
ऑक्सीजन प्लांट किसी भी सरकारी अस्पताल में लगे, मिलेगा लाभ जिले की ही जनता को। प्रशासन द्वारा सोच-समझ कर निर्णय लिया गया होगा।
नरेंद्र त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा
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