यह रहा घटनाक्रम
मिली जानकारी के अनुसार जब सोमवार की सुबह प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह जिला अस्पताल के नये तैयार किये गए ऑक्सीजन बेड युक्त वार्ड का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल के प्रशासक इकबाल सिंह से कोविड वार्ड में उपलब्ध कुल बेड और ऑक्सीजन बेड की जानकारी चाही तो वे इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। इससे नाराज सांसद ने कहा कि कैसे प्रशासक हैं आप, जिन्हें यह तक नहीं पता है कि कितने बेड है। आपसे ज्यादा तो मुझे जानकारी है। इसके साथ ही सांसद ने एसडीएम को बताया कि ये हाल हैं आपके अस्पताल के। फिर अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद सेन्ट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम के शुभारंभ के दौरान सप्लाई चालू करने की बारी आई तो पता चला कि ऑक्सीजन ही नहीं आ रही है। दिखवाया गया तो पता चला कि इस सिस्टम पर लगा ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला जंबो ऑक्सीजन सिलेण्डर ही खाली है। इस पर सांसद ने फिर खरी खोटी सुनाई।
मिली जानकारी के अनुसार जब सोमवार की सुबह प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह जिला अस्पताल के नये तैयार किये गए ऑक्सीजन बेड युक्त वार्ड का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल के प्रशासक इकबाल सिंह से कोविड वार्ड में उपलब्ध कुल बेड और ऑक्सीजन बेड की जानकारी चाही तो वे इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। इससे नाराज सांसद ने कहा कि कैसे प्रशासक हैं आप, जिन्हें यह तक नहीं पता है कि कितने बेड है। आपसे ज्यादा तो मुझे जानकारी है। इसके साथ ही सांसद ने एसडीएम को बताया कि ये हाल हैं आपके अस्पताल के। फिर अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद सेन्ट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम के शुभारंभ के दौरान सप्लाई चालू करने की बारी आई तो पता चला कि ऑक्सीजन ही नहीं आ रही है। दिखवाया गया तो पता चला कि इस सिस्टम पर लगा ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला जंबो ऑक्सीजन सिलेण्डर ही खाली है। इस पर सांसद ने फिर खरी खोटी सुनाई।
एसडीएम भी भड़के
ऑक्सीजन सिलेण्डर खाली होने पर एसडीएम राजेश शाही ने भी प्रशासक को जमकर फटकार लगाई। कहा, चार दिन से सिस्टम सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आप हो कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हो। कल कलेक्हाटर ने खुद यहां 6 घंटे मैराथन बैठक इसी के लिए ली। लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा। हालांकि सांसद ने व्यवस्थाएं शीघ्र सुधारने की बात कहते हुए आगे चलने कहा।
ऑक्सीजन सिलेण्डर खाली होने पर एसडीएम राजेश शाही ने भी प्रशासक को जमकर फटकार लगाई। कहा, चार दिन से सिस्टम सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आप हो कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हो। कल कलेक्हाटर ने खुद यहां 6 घंटे मैराथन बैठक इसी के लिए ली। लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा। हालांकि सांसद ने व्यवस्थाएं शीघ्र सुधारने की बात कहते हुए आगे चलने कहा।
सीएमएचओ के साथ ली बैठक
हालातों को देखने के बाद मंत्री व सांसद ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन की बैठक ली। सीएमएचओ से कहा कि सुबह शाम जिला अस्पताल का जायजा नियमित तौर पर लें और खुद भी व्यवस्थाएं देखें। सिविल सर्जन को भी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर ध्यान देने कहा। कोविड व्यवस्था में ट्रेंड नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर करने के निर्देश दिए।
हालातों को देखने के बाद मंत्री व सांसद ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन की बैठक ली। सीएमएचओ से कहा कि सुबह शाम जिला अस्पताल का जायजा नियमित तौर पर लें और खुद भी व्यवस्थाएं देखें। सिविल सर्जन को भी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर ध्यान देने कहा। कोविड व्यवस्था में ट्रेंड नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर करने के निर्देश दिए।
24 घंटे चालू रखें फीवर क्लीनिक
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत फीवर क्लीनिक 24 घंटे चालू रखा जाये। इसके अलावा अभी जिला चिकित्सालय परिसर में वैक्सीनेशन सेंटर चल रहा है। उसे वहां से स्थानांतरित कर कोविड ओपीडी, फीवर क्लीनिक और आरटीपीसीआर के जांच सैंपल का कार्य एक साइड में ही रखा जाये। वैक्सीनेशन सेंटर को आईपीपी-6 के सभाकक्ष भवन में स्थानांतरित करें, ताकि वैक्सीनेट व्यक्तियों के ऑब्जर्वेशन की प्रक्रिया सुचारू हो सके। आवश्यकतानुसार डॉक्टर और पैरामेडीकल स्टाफ की पूर्ति शीघ्र कर लें।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत फीवर क्लीनिक 24 घंटे चालू रखा जाये। इसके अलावा अभी जिला चिकित्सालय परिसर में वैक्सीनेशन सेंटर चल रहा है। उसे वहां से स्थानांतरित कर कोविड ओपीडी, फीवर क्लीनिक और आरटीपीसीआर के जांच सैंपल का कार्य एक साइड में ही रखा जाये। वैक्सीनेशन सेंटर को आईपीपी-6 के सभाकक्ष भवन में स्थानांतरित करें, ताकि वैक्सीनेट व्यक्तियों के ऑब्जर्वेशन की प्रक्रिया सुचारू हो सके। आवश्यकतानुसार डॉक्टर और पैरामेडीकल स्टाफ की पूर्ति शीघ्र कर लें।
जिला अस्पताल में बनाएं काल सेंटर
अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को उचित परामर्श एवं मार्गदर्शन, बेड की उपलब्धता आदि की जानकारी सुविधापूर्ण ढंग से मिले। इसके लिये अस्पताल में कॉल सेंटर बनाकर 24 घंटे क्रियाशील रखें। जिला अस्पताल में गंभीर किस्म के मरीजों के लिये भर्ती की उपलब्धता हमेशा बनायें रखे।
अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को उचित परामर्श एवं मार्गदर्शन, बेड की उपलब्धता आदि की जानकारी सुविधापूर्ण ढंग से मिले। इसके लिये अस्पताल में कॉल सेंटर बनाकर 24 घंटे क्रियाशील रखें। जिला अस्पताल में गंभीर किस्म के मरीजों के लिये भर्ती की उपलब्धता हमेशा बनायें रखे।