गुरुपूर्णिमा विशेषः चित्रकूट के घाट पर भई भक्तन की भीड़

-भक्तों के आगे धरा रह गया धारकुंडी आश्रम का निर्णय-सुबह से ही लगी भक्तों-श्रद्धालुओं की भीड़

<p>गुरु पूर्णिमा पर गुरु दरबार में भक्तों का सैलाब</p>
सतना. गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुओं को समर्पित है। वैसे भी भारतीय परंपरा और संस्कृति में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर है, तभी तो कबीर दास ने लिखा, “गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पांव, बलिहारी गुरु आपणों गोविंद दियो बताय।” ऐसे में गुरु पूजन के दिन भक्त भला गुरु की चरण वंदना कर आशीर्वाद लेने का लोभ कैसे त्याग सकते हैं। लिहाजा भक्तो का सैलाब सुबह से ही गुरु दरबार में पहुंचने लगा।
वैसे भी चित्रकूट और गुरु पूर्णिमा का विशेष संबंध है। बताते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चित्रकूट प्रवास से ही यहां गुरु वंदना की परंपरा चली आ रही है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर यहां पर प्रतिवर्ष लोग दूर-दरजा से बड़ी तादाद में यहां पहुंचते हैं। इस बार भी भक्त यहां पहुंचे, लेकिन लगातार दूसरे साल इस बार भी गुरु पूर्णिमा पर कोरोना की छाया स्पष्ट तौर पर दिखी। विगत वर्षो की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की तादाद में कमी साफ देखने को मिली। लेकिन जो भी भक्त यहां पहुंचे हैं वो अपने-अपने गुरुओं के पास सेवा भाव से पहुंचे और गुरु के श्री चरणों में मत्था टेक कर आशीर्वाद ग्रहण किया। यह सिलसिला अलसुबह से ही जो शुरू हुआ वो निरंतन जारी है।
बतादें कि चित्रकूट के पुरानी लंका, आचार्य आश्रम, कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद मंदिर, कामदगिरि मंदिर राम मोहल्ला, सनकादिक आश्रम, पंजाबी भगवान आश्रम, रघुवीर मंदिर, कांच मंदिर तुलसी पीठ चित्रकूट, रावतपुरा सरकार आश्रम, संतोषी अखाड़ा, गायत्री शक्तिपीठ, राम धाम मंदिर, भरत मंदिर, यज्ञवेदी मंदिर, स्वर्ग आश्रम पीली कोठी, सती अनुसूइया आश्रम, रामायणी कुटी, फलाहारी आश्रम, वेदांती आश्रम, सुतीक्षण मुनि आश्रम, सरभंग ऋषि आश्रम आदि गुरु आश्रम हैं। इन सभी आश्रमों में पहुंच कर अपने आराध्य गुरु की चरण वंदना को भक्तजन पहुंचते रहे और इन सभी आश्रमों में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत गुरु पूजन का सिलसिला चलता रहा।
बता दें कि धारकुंडी आश्रम प्रबंधन ने पहले ही यह फैसला किया था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार चित्रकूट में गुरु पूर्णिमा पर बहुत भीड़-भाड़ नहीं होनी चाहिए। लेकिन भक्तजन सुबह से ही पहुंचने लगे। ऐसे में धारकुंडी आश्रम सहित सती अनुसूया आश्रम और सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के रघुवीर मंदिर में सादगी से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है।
गुरु पूजन को पहुंचने वाले भक्तों ने मंदाकिनी में स्नान किया और फिर भगवान कामदगिरि की परिक्रमा व दान दक्षिणा से निवृत्त हो कर चित्रकूट के प्रमुख मठ मंदिरों में पहुंच कर अपने गुरुओं की पूजा अर्चना कर रहे हैं। चित्रकूट में भक्तों की भारी भीड़ के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने पहले से ही यहां चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी है।
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