जिला अस्पताल में सक्रिय दलाल
मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में अमरपाटन निवासी अज्जू चौरसिया के पिता का कोरोना से निधन हो गया। इस पर उन्होंने शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन की तलाश प्रारंभ की। तभी यहां खड़े दलाल ने उन्हें कुछ लोगों के पास भेजा। जिस शख्स के पास भेजा गया उसका नाम इमरान था, जो खुद को अस्पताल के पास खड़े होने वाले वाहनों का नियंत्रक बता रहा था। इमरान ने कहा कि अमरपाटन जाने का किराया 10 हजार रुपये लगेगा। इतने पैसे तो थे नहीं तो रेट करने पर बातचीत शुरू हुई जो कुछ ही देर में बहस में बदल गई।
मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में अमरपाटन निवासी अज्जू चौरसिया के पिता का कोरोना से निधन हो गया। इस पर उन्होंने शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन की तलाश प्रारंभ की। तभी यहां खड़े दलाल ने उन्हें कुछ लोगों के पास भेजा। जिस शख्स के पास भेजा गया उसका नाम इमरान था, जो खुद को अस्पताल के पास खड़े होने वाले वाहनों का नियंत्रक बता रहा था। इमरान ने कहा कि अमरपाटन जाने का किराया 10 हजार रुपये लगेगा। इतने पैसे तो थे नहीं तो रेट करने पर बातचीत शुरू हुई जो कुछ ही देर में बहस में बदल गई।
बजरंग दल ने दिया दखल तभी किसी ने इसकी जानकारी बजरंग दल के एक पदाधिकारी को मिली। बजरंग दल के इस पदाधिकारी ने स्थिति को देखते हुए कोविड काल में शव वाहन व्यवस्था के प्रभारी अधिकारी आरटीओ को मोबाइल पर फोन लगाया गया। कई कॉल जाने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। तब परेशान होकर इसकी जानकारी नगर निगम के रमाकांत शुक्ला को दी। उन्होंने बाद में शव वाहन संचालकों से चर्चा कर उचित दर पर वाहन भिजवाया।
हालात बिगड़ रहे जिला अस्पताल के सामने खड़े होने वाले शव वाहन संचालकों ने कोरोना काल को अपने लाभ के रूप में लेना शुरू कर दिया है। हालात यहां तक हो गए हैं कि नगर निगम क्षेत्र के अंदर भी शव ले जाने के लिए इनके द्वारा 2 से 3 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं।
” सूचना मिली थी कि कोई इमरान सतना से अमरपाटन तक का १० हजार रुपये किराया मांग रहा है। हालांकि प्राथमिक तौर पर तय दर पर वाहन उपलब्ध कराया गया है। संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अगले दिन प्रस्तावित किया जाएगा। ”
– रमाकांत शुक्ला, व्यवस्था प्रभारी नगर निगम