सैलानियों को लुभाएंगी तितलियां मुकुदपुर में बनेगा तितली पार्क

प्रदेश के मुकुंदपुर चिड़ियाघर में नवाचार कर तितली पार्क बनाने की तैयारी, वन महकमे ने शासन को भेजा तितली पार्क बनाने का प्रस्ताव

सतना. महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एवं जू सेंटर में अब तितलियों के संरक्षण के लिए वन विभाग पार्क बनाने की तैयारी में है। इस पार्क में तितलियों के माहौल के हिसाब से पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। सतना बन मंडल से तितली पार्क बनाने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मुकुंदपुर जू प्रबंधक संजयराय खेड़े ने बताया कि मुकुंदपुर में 52 प्रजाति की तितलियां साल भर में देखी गई हैं। तितली पार्क बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

हालाकि प्रस्ताव पर मुहर अभी नहीं लगी है। जानकारी के मुताबिक मुकुंदपुर में 8500 बर्ग मीटर क्षेत्र में पार्क बनाया जाएगा। अभी टाइगर सफारी में पर्यटक ईको पार्क का आनंद उठाते थे, अब लेकिन रंग-बिरंगी तितलियां भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेंगी। पार्क में तितलियों के लिए 52 सेक्टर बनाए जाएंगे। इन सेक्टरों में अलग-अलग प्रजाति की तितलियों का संरक्षण किया जाएगा इन 52 सेक्टर में किसी तरह की बाउंड़ी या दीवार नहीं रहेगी, बल्कि पेड़-पौधों से ही चारों ओर से इसे घेरा जाएगा।

परागण में तितलियों की मुख्य भूमिका
परागण पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण अंग है जो तितलियों के सहयोग से किया जाता है। लगभग 90 प्रतिशत फूलों के पौधे और 35 प्रतिशत फसलें, पशु परागण पर निर्भर करती हैं। इनके द्वारा मधुमक्खियों, मक्खियों और भृंग जैसे परागणकों को भी संवर्धन एवं विकास का अवसर मिलता है। तितलियां विलुप्त हो गईं तो चॉकलेट, सेब, कॉफी और अन्य खाद्य पदार्थों का आनंद नहीं ले सकेंगे। वहीं हमारे दैनिक अस्तित्व में जिसका महत्वपूर्ण असर पड़ेगा क्योंकि दुनियाभर में लगभग 75 प्रतिशत खाद्य फसलें इन परागणकर्ताओं पर निर्भर करती है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.