एएसपी असित श्रीवास्तव ने बताया कि घनघटा इलाके के डिहवा निवासी सरफराज (30 वर्ष) बीस दिन पूर्व मुंबई से लौटा था। उसकी तीन बेटियों, शना (सात साल), सबा (पांच साल) और शमा (ढाई साल) की तबीयत खराब चल रही थी। रविवार की शाम अपने दोस्त नीरज मौर्य के साथ शनिचरा बाजार में डॉक्टर को दिखाने के लिए बाइक से लेकर निकला। लेकिन डॉक्टर के पास जाने के बजाय वह बिडहर घाट पुल पर बेटियों को ले गया। यहां रात के अंधेरे का फायदा उठाकर पुल से ही तीनों बेटियों को जिंदा घाघरा नदी में फेंक दिया। वापस अकेले लौटने पर सरफराज से उसकी पत्नी सदिरा खातून और मां मरिया खातून ने बेटियों के बारे पूछा। तब उसने उनके अपहरण की बात बतायी। ब्लेड से शरीर पर लगे चोट के निशान को दिखाकर और कपड़े फाड़ कर बेटियों के अपहरण की सूचना देकर परिवार और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस को शक हो गया। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो यह सनसनीखेज वारदात की सचाई सामने आई।
पुलिस ने कहा-घरेलू विवाद :- पुलिस आरोपी पिता और उसके दोस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ रही है। एएसपी असित श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पिता ने ऐसी घटना क्यों किया अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। तीनों मासूम बहनों का शव पुलिस गोताखोरों की मदद से घाघरा में ढूंढ़वा रही है। पुलिस का कहना है कि प्रांरभिक जांच में लग रहा है कि पारिवारिक विवाद के बाद उसने अपनी तीन बेटियों को नदी में फेंका है। पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि आसपास मौजूद कुछ ग्रामीणों ने नदी में कूदकर बच्चियों को बचाने की कोशिश की लेकिन वे नाकाम रहे। सरफराज नशे का आदी है। वारदात के पीछे घरेलू विवाद बताया जाता है।