कांग्रेस के प्रहारों पर अकाली दल का पलटवार,बादल ने कहा-खालिस्तान का प्रस्ताव कांग्रेस के दफ्तर में किया गया पारित

ली में अकाली दल के अध्यक्ष सुखवीर बादल और उससे पूर्व अन्य वक्ताओं के संबोधन के बाद प्रकाश सिंह बादल ने अपने संबोधन में कहा कि आज अकाली दल-भाजपा गठबंधन का आदर्श खतरे में है…

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(चंडीगढ): सिख पंथ पर काबिज होने और सिख पंथ पर अकाली दल का प्रभाव समाप्त करने की कांग्रेस की रणनीति पर रविवार को अकाली दल ने अबोहर में आयोजित पोल-खोल रैली में पलटवार किया। अकाली दल के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कांग्रेस पर पलटवार कर कहा कि खालिस्तान का प्रस्ताव कांग्रेस के द्फ्तर में पारित किया गया था।

 

कांग्रेस की नीति ही बांटो और राज करो की रही है। रैली में अकाली दल के अध्यक्ष सुखवीर बादल और उससे पूर्व अन्य वक्ताओं के संबोधन के बाद प्रकाश सिंह बादल ने अपने संबोधन में कहा कि आज अकाली दल-भाजपा गठबंधन का आदर्श खतरे में है। यह आदर्श शांति और भाईचारे का है। इस खतरे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। पंजाब ने 15 साल उग्रवाद झेला है। पंजाब की शांति जिन लोगों ने भंग करवाई उनके साथ आज फिर कांग्रेस ने दोस्ती कर ली है। बरगारी में इनके साथ रोजाना कांग्रेस की बैठकें हो रही हैं। ये अकाल तख्त, अकाली दल और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टेन अमरिंदर सिंह की सरकार ने टकराव और बदले की राजनीति शुरू कर दी है।

 

 

प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में अमन के लिए मैं, सुखवीर बादल और पूरा अकाली दल कुर्बानी देने को तैयार है। देश की आजादी के लिए भी अस्सी फीसदी कुर्बानी पंजाब ने दी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिन्दू और सिख को बांटती रही है। इंदिरा गांधी ने गुरू अर्जुनदेव के शहीदी दिवस पर हरमिंदर साहिब का नामोनिशां मिटाने के लिए फौज भेजी थी। बाद में दिल्ली में हजारों बेगुनाहों का कत्ल किया गया। बादल ने कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का भी जिक्र किया और कहा कि आजादी के बाद सबसे बडा संघर्ष आपातकाल में करना पडा। रणजीत सिंह कमीशन पर प्रहार करते हुए बादल ने कहा कि न्यायपालिका में भी लोग रिश्तेदारी या विचारों के कारण पक्षपाती हो जाते है। ऐसा ही रणजीत सिंह कमीशन ने किया।

 


इससे पहले अकाली दल के अध्यक्ष सुखवीर बादल ने कहा कि रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट की क्या विश्वसनीयता है, जबकि जस्टिस रणजीत सिंह आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल खैहरा का जीजा है। रणजीत सिंह रोजाना मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के साथ शराब पार्टी में बैठते हैं। चनन सिंह संधू के घर बैठकर रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट तैयार की गई। यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सिख पंथ अकाली दल के खिलाफ है। कांग्रेस स्वयं को पंथिक पार्टी कहलाना चाहती है। सुखवीर ने एक समाचारपत्र की प्रति लहराते हुए कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड के पिता बलराम जाखड ने कहा था कि वे देश की अखण्डता के लिए दो करोड़ सिखों को मारने के लिए तैयार हैं। संतोख सिंह रंधावा ने अकाल तख्त पर हमले का स्वागत किया था। कांग्रेस कट्टरपंथियों से मिल गई है।

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