पंजाब के पांच जिलों में 27.7 प्रतिशत लोग Covid-19 के लिए Seropositive

सीरो सर्वेक्षण पाँच जिलों में 1 से 17 अगस्त तक करवाया गया
अमृतसर में सबसे अधिक 40 प्रतिशत सीरोपॉजिटिव पाए गए

<p>Tamil Nadu’s corona testing highest pan India</p>
चंडीगढ़ । पंजाब के सीमित जोन में 27.7 प्रतिशत लोग कोविड एंटीबॉडीज के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं, जो यह दर्शाता है कि यह लोग पहले ही ग्रसित थे और कोरोना महामारी से ठीक हो गए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा गुरुवार को बुलाई गई कोविड समीक्षा बैठक के दौरान पेश किये गए सर्वेक्षण के नतीजों में दिखाया गया कि सीमित जोन में कोविड एंटीबॉडीज का प्रसार सबसे अधिक अमृतसर जिले में 40 प्रतिशत है। इसके बाद लुधियाना में 36.5 प्रतिशत, एस.ए.एस.नगर में 33.2 प्रतिशत, पटियाला जिले में 19.2 प्रतिशत और जालंधर में 10.8 प्रतिशत है।
1250 व्यक्तियों के सैंपल लिए

यह पंजाब का पहला विशिष्ट सर्वेक्षण है जो 1 से 17 अगस्त तक राज्य के पाँच सीमित जोन में योजनाबद्ध तरीके से बेतरतीब (रैंडम) तौर पर चुने गए 1250 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए। इससे पहले राज्य सरकार द्वारा आई.सी.एम.आर. के सहयोग से किये गये सर्वेक्षण अधिक सामान्य थे। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट उस दिन आई जब दिल्ली ने अपनी दूसरी सीरो सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 29 प्रतिशत के करीब सीरोपॉजिटिव – seropositive (giving a positive result in a test of blood serum, e.g. for the presence of a virus) थे।
पांच जिलों के जोन चुने गए

पंजाब के इस विशिष्ट सर्वेक्षण के लिए पाँच सीमित जोन को चुना गया जिन क्षेत्रों में कोविड के सबसे अधिक केस सामने आए हैं। यह पटियाला, एस.ए.एस. नगर, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर जिलों के इलाके थे। हर जोन में से 250 लोगों के सैंपल लिए गए और रैंडम तौर पर चुने गए हर घर में से 18 साल से अधिक उम्र के एक बालिग व्यक्ति को सर्वेक्षण के लिए चुना गया।
शहर में अधिक

सभी सीमित जोनों जहाँ कोविड-19 के सबसे अधिक केस हैं, को मिलाकर कुल 27.8 प्रतिशत लोगों में सारस कोव-2 एंटीबॉडीज के सीरो का प्रसार पाया गया। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार शहरों के बाकी इलाकों में यह संख्या कम है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या शहरी इलाकों की अपेक्षा और भी कम है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य रैपिड ऐंटीबॉडी टेस्टिंग किट के द्वारा सारस कोव-2 एंटीबॉडीज (आईजीएम /आईजीजी) के प्रसार को देखना था।
कैसे किया गया सर्वेक्षण

राज्य सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार माहिरों की टीम के प्रमुख डॉ. के.के. तलवार ने विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षित फील्ड सहायकों और लैबोरेटरी टैक्नीशियनों की टीम ने मैडीकल अफसर की निगरानी में डाटा एकत्रित किया। आशा / ए.एन.एम ने इस सर्वेक्षण में घरों की पहचान करने में मदद की। सर्वेक्षण का मंतव्य समझाने के बाद लिखित तौर पर सहमति पत्र प्राप्त किया गया। इंटरव्यू के बाद रोगाणुहीन हालत में लैबोरेटरी के टैक्नीशियन ने खून का सैंपल लिया। यह सैंपल टेस्टों के लिए जिला जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं में भेज दिया गया जहाँ रैपिड ऐंटीबॉडी टैस्ट किया गया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.