ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज की मांग करने वाले सपा सांसद बैकफुट पर, अब मुसलमानों से की ये अपील

Highlights
– SP सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क बोले- घरों में अदा करें Eid की नमाज
– कहा- ईदगाह और मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत मांगने के बाद उन्हें धमकाया गया
– कहा- मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया

संभल. ईदगाह और मस्जिदों में ईद-उल-जुुआ ( Eid Al Adha ) सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति मांगने वाले संभल ( Sambhal ) लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी केे सांसद डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क बैकफट पर आ गए है। उन्होंने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि लोग घरों में ही नमाज अदा करें, ताकि सरकार की गाइड लाइन की पालना हो सके। बता दें कि इससे पहले सांसद डॉ. बर्क ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा के साथ सफाई, बिजली-पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की। जिसे पूरा करने के लिए अधिकारियों ने भी उन्हें आश्वासन दिया। पत्रकारवार्ता के दौरान डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि सरकार ने जो गाइड लाइन जारी की हैं, उन्हीं के अनुुसार ईद की नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने लोगों से मस्जिद और ईदगाह नहीं जाने की अपील की।
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इस दौरान उन्होंने कहा कि कुर्बानी करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न करें। उन्होंने कहा कि ईद पर माहौल खराब नहीं हो, इसके लिए पहल करें। ताकि शहर की फिजा खराब नहीं हो। सपा सांसद ने कहा कि ईदगाह और मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत देने की मांग के बाद उन्हें धमकाया गया। वहीं, उनके बयान को भी गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी मांग सरकार से थी कि अगर शासन अनुमति दे तो कोरोना खात्मे के लिए मुसलमान मस्जिद और ईदगाहों में ईद की नमाज अदा कर दुआ कर सकते हैं, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी और इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ईद पर कुर्बानी की जाए और घरों में रहकर नमाज अदा की जाए।
बता दें कि सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने बेहद अजीबो-गरीब बयान दिया था, जिसको लेकर तमाम विपक्षी दलाें के नेताओं ने आपत्ति जताते हुए उन पर जुबानी हमला बोला था। दरअसल, सपा सांसद ने धमकी देते हुए कहा था कि मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने ईद-उल-जुहा से पहले लगने वाले पशु के बाजार पर प्रतिबंध को लेकर भी जिला प्रसासन पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि ईद-उल-जुहा मुस्लिमों का एक बड़ा त्यौहार है। जब मुसलमान जानवर नहीं खरीदेंगे तो वह अपना त्योहार कैसे मनाएंगे। इसीलिए जिला प्रसासन को बाजार के खोलने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार अनुमति दे तो कोरोना खात्मे के लिए मुसलमान मस्जिद और ईदगाहों में सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा कर कोरोना को भगाने की दुआ कर सकते हैं।
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