सहारनपुर में बैठकर देशभर का बनाता था वोटर आइडी

– कुछ ही महीनों में बदल गया रहन-सहन- स्टूडेंट लाइफ में बन गया गाड़ी-बंग्ला का मालिक- दिल्ली से हैकर का सहयोगी भी गिरफ्तार

<p>सहारनपुर में बैठकर देशभर का बनाता था वोटर आइडी</p>
सहारनपुर. भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (ECI website) को हैक करके वोटर आइडी कार्ड बनाने वाले बीसीए स्टूडेंट (Bachelor of Computer Applications) विपुल सैनी (Vipul Saini) की जिंदगी कुछ ही महीने में बदल गयी। स्टूडेंट लाइफ में ही वह गाड़ी और बंगले का मालिक बन गया। तीन माह में 10 हजार से अधिक वोटर आइडी बनाकर उसने 60 लाख से अधिक की कमाई की। सहारनपुर में ही बैठकर यह कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी समेत अन्य प्रदेशों का मतदाता पहचान पत्र बनाता था। इसके एवज में इसे प्रति आइडी 100 से 200 रुपए मिलते थे। केंद्रीय जांच एजेंसियों के आग्रह पर इसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। उधर, दिल्ली से इसके आका अरमान मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक, बना डाले 10 हजार वोटर आइडी कार्ड

साइबर हैकरों के एक गिरोह ने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक करके तीन माह में हजारों फर्जी वोटर आइडी कार्ड बना डाले। इस मामले में सहारनपुर के विपुल सैनी को यूपी पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। इसके बैंक खाते से 60 लाख रुपए ट्रांजेक्शन मिला है। यह मप्र के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था।
पुलिस ने जब्त किए तो कंप्यूटर

प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि नकुड़ थाना क्षेत्र के मच्छरखेड़ी निवासी विपुल के पिता के पास महज 25 बीघा खेती है। लेकिन विपुल ने इसी साल नया मकान बनाया और डस्टर कार खरीदी ली। हाल ही इसने नई कार भी बुक कराई। पिछले कुछ महीनों में विपुल का रहन-सहन रहीसों वाला हो गया। पुलिस टीम ने विपुल के घर से दो कंप्यूटर जब्त किए हैं। इसे गुरुवार रात स्थानीय अदालत ने विपुल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। अब केंद्रीय जांच एजेंसियां इसे रिमांड पर लेने की तैयारी में हैं।
गिरोह में अन्य प्रदेशों के युवक शामिल

दिल्ली की जिस जांच एजेंसी ने सहारनपुर पुलिस को विपुल के बारे में जानकारी दी थी उसने दिल्ली से अरमान मलिक को भी हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पता चला है गिरोह में अन्य प्रदेशों के भी कुछ युवक शामिल हैं। कुछ दिन पहले अरमान से उसकी मुलाकात हुई थी। उसने चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाने का तरीका बताया था। पुलिस की जांच में अरमान के अलावा तीन नाम और सामने आए हैं, जो दिल्ली व राजस्थान के रहने वाले हैं। अरमान ने ही चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाने का तरीका बताया था।
कार्ड बनाने का राजनीतिक मकसद नहीं

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक विपुल ने किसी राजनैतिक मकसद से नहीं बल्कि अंधाधुंध कमाई के लिए यह गोरखधंधा किया। पुलिस के मुताबिक विपुल सैनी ने गांव में ही कार्यालय बनाया है, जहां पर वह पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाने का काम करता था।
आयोग को खुद हुआ शक

दो-तीन हफ्ते पहले मतदाता सूची अपडेट रखने वाले निर्वाचन आयोग के आला अधिकारियों को अपने मेल अकांउट और वेबसाइट ऑपरेशंस के दौरान कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई। आयोग की आईटी सेल के विशेषज्ञों की टीम ने जब जांच की तो गड़बड़ी का केंद्र सहारनपुर निकला।
पासवर्ड कर लिया हैक

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस चेन्नपा (SSP Saharanpur S Chanappa ) ने बताया कि विपुल सैनी आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉगइन करता था, जिसका इस्तेमाल आयोग के अधिकारी करते थे। पासवर्ड उसने हैक कर लिया था।
अरमान के मकसद का पता लगा रही पुलिस

दिल्ली से गिरफ्तार अरमान से पुलिस पूछताछ कर रही है कि वह किस मकसद से वोटर आइडी बनवाता था। उसका मकसद कहीं आतंकी गतिविधियों में इसका इस्तेमाल करना था या फिर अप्रवासी भारतीयों खासकर भारत आए बांग्लादेशियों के लिए वोटर आइडी उपलब्ध करवाना तो नहीं था।
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