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उन्होंने कहा है कि यह समय खुद को बचाने का है और समाज को भी बचाने का है। ऐसे में घर पर ही रह कर नमाज अदा की जाए। दरअसल जुमे की नमाज को लेकर नमाजी मस्जिद में जाने की कोशिश करते हैं। इससे सोशल डिस्टेंस को खतरा होता है और इसका नुकसान सभी को उठाना पड़ सकता है। लोग एक जगह इकट्ठा ना हो किसी भी धार्मिक स्थल पर कोई भी धार्मिक आयोजन ना हो इसके लिए प्रशासन ने भी मनाही कर दी है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं जाे साेशल डिस्टेंस नहीं बनाएंगे। यह भी पढ़ें
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इसी बीच जमीयत उलेमा-ए -हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपील की है कि जो भी नमाजी हैं वह अपने घर पर ही जुमे की नमाज पढ़ें। मोहल्लों की मस्जिदों में भी कम संख्या में ही नमाज पढ़ें। उन्हाेंने यह भी कहा है कि घरों में भी लोग अपनी नमाज अदा कर सकते हैं। यह भी पढ़ें