ECI की वेबसाइट हैकिंग मामले की खुलने लगी परतें, दिल्ली से चार और आरोपी गिरफ्तार

ECI website hacking case
विपुल सैनी की गिरफ्तारी के बाद अब सहारनपुर की साइबर सैल टीम ने दिल्ली से चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। न्यायालय ने इन्हे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

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सहारनपुर भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करके हजारों आईडी कार्ड बनाए जाने के मामले ( ECI website hacking case ) में साइबर सैल (Saharanpur Police) ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सहारनपुर के रहने वाले विपुल सैनी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब इसके चार अन्य साथी आशीष जैन, आदित्य खत्री, अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज अहमद और नितिन को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए चारों आरोपियों को पूछताछ के बाद पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से इन्हे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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पकड़े गए आरोपियों से प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि इनमें से दो युवक भारत निर्वाचन आयोग ( ECI ) में संविदा पर काम करते थे। आशंका जताई जा रही है कि यही इस पूरे घटनाक्रम के सूत्रधार हैं। दोपहर करीब दो बजे सहारनपुर की साइबर सेल टीम इन चारों को सहारनपुर पुलिस लाइन लेकर पहुंची थी। यहां साइबर सैल के ऑफिस में चारों से पूछताछ की गई इसके बाद इन्हे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। एसएसपी डॉकटर एस चिन्नपा ने बताया कि आजादपुर दिल्ली निवासी आशीष जैन, कमल विहार दिल्ली निवासी आदित्य खत्री, अमन विहार दिल्ली निवासी अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज आलम और सराय बस्ती दिल्ली निवासी नितिन इन सभी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है।
आदित्य खत्री और नितिन भारत निर्वाचन आयोग ( Election Commission of India ) दिल्ली के कार्यालय में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करते थे। अभी तक की पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि इन दोनों ने ही भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के यूजर नेम और पासवर्ड साइबर कैफे चलाने वाले अरमान मलिक और आशीष जैन को दिए। अरमान मलिक ने सहारनपुर के विपुल सैनी निवासी मच्छर हेड़ी से संपर्क किया और विपुल सैनी से भी वोटर आईडी कार्ड बनवाना शुरू कर दिया। एसएसपी का कहना है कि चारों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। अदालत में चारों के रिमांड की अर्जी भी डाली जाएगी। अदालत से रिमांड मिलने पर तो इन चारों की निशानदेही पर मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अम्भा कस्बे में दबिश दी जाएगी। अभी तक यह बात पता चली है कि हरिओम भी मध्यप्रदेश में साइबर कैसे चलाता है।
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