यह भी पढ़ें- परिवार के साथ आइसोलेट इस विधायक ने लोगों को Corona से बचाने के लिए दिए 20 लाख रुपये मौलाना मदनी ने कहा कि यह कोरोना वायरस की बीमारी पूरी दुनिया के लिए आफत बन चुकी है। इस वायरस को फैलने से रोकना बेहद जरूरी है। अगर लोग भीड़ करेंगे तो इसके फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इससे लड़ने का सही तरीका यही है कि कुछ दिनों के लिए मुसलमान मस्जिदों में भी इकट्ठे होने से बचें। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मस्जिदों को बंद कर दिया जाए।
मौलाना ने कहा कि मस्जिदों में अजान भी हो और जमात भी, लेकिन इस जमात में सिर्फ इमाम व मोअज्जिन के अलावा एक-दो मस्जिद के खादिम शामिल हों। बाकी सब लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करें। पांचों नमाजों के साथ-साथ जुमा की नमाज के लिए भी यही हुक्म है। दारुल उलूम का फतवा भी यही कहता है। मौलाना ने दो टूक कहा कि अगर मुसलमान शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं करेगा और जिद करेगा कि वह तो नमाज मस्जिदों में ही पढ़ेगा तो ऐसी सूरत में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन मस्जिदों में ताले भी लगा सकता है। फिर न अजान हो पाएगी और न ही जमात, जो हमारी बड़ी गलती होगी। मौलाना ने कहा कि जब पूरा देश लॉकडाउन है तो हमें भी बीमारी के खात्मे तक मस्जिदों में जाने से बचना चाहिए। इंशाल्लाह जब बीमारी दूर हो जाएगी तो फिर बाकायदा मस्जिदों में जमातें होंगी।