सागर

केंद्रीय मंत्री बोले-तीसरी लाइन बनने के बाद क्षिप्रा एक्सप्रेस होगी नियमित, फिर मंडल को क्यों याद दिला रहे रेल मंत्री की घोषणा

-क्षिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन को सात दिन चलाने की घोषणा के बाद जब जबलपुर और होशंगाबाद सांसदों ने इटारसी रूट से ४ दिन इस ट्रेन को चलाने की मांग की थी तब दमोह और सागर सांसद ने किया था विरोध
 

सागरOct 24, 2019 / 08:58 pm

आकाश तिवारी

केंद्रीय मंत्री बोले-तीसरी लाइन बनने के बाद क्षिप्रा एक्सप्रेस होगी नियमित, फिर मंडल को क्यों याद दिला रहे रेल मंत्री की घोषणा

सागर. क्षिप्रा एक्सप्रेस नियमित नहीं चल सकती। तीसरी लाइन बनने के बाद इसे नियमित रूप से चलाया जा सकता है। यह बात गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कही। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेक खाली न होने से भी यह ट्रेन नियमित रूप से नहीं चलाई जा सकती है। इधर, रेल सेवा सुधार समिति मंत्री के इस बयान से संतुष्ट नहीं है। अध्यक्ष रवि सोनी ने इसे सागर की जनता को गुमराह करने वाला बयान बताया है।
उन्होंने बताया कि एक साल पहले इंदौर में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने क्षिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन को नियमित सात दिन चलाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद जबलपुर और होशंगाबाद के पूर्व सांसदों ने इसका विरोध किया और इस ट्रेन को ४ दिन जबलपुर इटारसी चलाने का दबाव बनाया। यदि यह ट्रेन नियमित नहीं चल सकती थी तो सागर और दमोह सांसद ने विरोध क्यों किया। क्यों उन्होंने जबलपुर और होशंगाबाद सांसदों की मांग का विरोध किया। अध्यक्ष सोनी ने बताया कि यह ट्रेन नियमित रूप से चल सकती है, लेकिन जनप्रतिनिधि जनता की मांग को पूरा कराने पूरी ताकत नहीं लगा पा रहे हैं।

-समय बदलने पर हो सकता हैं संभव
अध्यक्ष रवि सोनी के अनुसार क्षिप्रा एक्सप्रेस की टाइमिंग में बदलाव कर दिया जाए तो ट्रेक खाली हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रेन नंबर 22912 हावड़ा-इंदौर क्षिप्रा एक्सप्रेस का हावड़ा से डिपार्चर रात 1१.45 बजे से 11.५० कर दिया जाए और ट्रेन नंबर 22911 इंदौर से हावड़ा क्षिप्रा एक्सप्रेस का डिपार्चर के समय को 20 मिनिट आगे बढ़ा दिया जाए तो ट्रैक भी खाली मिलेगा और क्षिप्रा एक्स प्रतिदिन चलने लगेगी।

-५० ट्रेने और गुजारे जाने की है गुंजाइश
सागर से २४ घंटे में मालगाड़ी और ट्रेन सहित ८७ गाडि़यां गुजरती हैं। जबकि इटारसी-कटनी रेलखंड पर ट्रेनों संख्या 135 है। भोपाल-बीना रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या 106 है। साफ है कि दो जगहों पर ट्रेनों के अप एंड डाउन की संख्या कटनी-बीना रेल खंड से ज्यादा है। एेसे में ५० से अधिक ट्रेनें अभी भी सागर से होकर गुजारी जा सकती हैं। लेकिन रेलवे मंडल द्वारा यह कहकर बचने की कोशिश की जाती है कि सागर से सबसे ज्यादा गुड्स ट्रेनें गुजरती हैं इस वजह से ट्रेफिक ज्यादा रहता है।

-इलाहाबाद में हो चुका है एेसा
रेल सेवा सुधार समिति के पदाधिकारियों की माने तो ट्रेक खाली न होने की समस्या के चलते इलाहाबाद रेल मंडल नई ट्रेनें नहीं चला पा रहा था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के प्रयास से रेलवे मंडल ने अपना रवैया बदला और हाल ही में इलाहाबाद-मथुरा व इलाहाबाद- इंदौर ट्रेन शुरू की गई हैं। वहीं, दर्जनो सुविधा-हॉलीडे-प्रीमियम ट्रेन परिचालित की जा रही है।

 

हावड़ा जाने के लिए यह ट्रेन बेहद महत्वपूर्ण है। हजारों यात्रियों को इसके नियमित चलने से फायदा होगा। पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से जबलपुर मंडल को पत्र लिखा है।
जेपी पांडेय, पेंशनर्स समाज अध्यक्ष

 

बयान तर्क पूर्ण नहीं है। अपनी मांग न मनवा पाने के कारण मंत्री इस तरह के बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। रेल मंत्री ने घोषणा ट्रेन की मांग बढऩे पर की थी। यह संभव है और इसे जल्द नियमित किया जाना चाहिए।
राजेश बिछुआ, सचिव रेल सेवा सुधार समिति

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