-समय बदलने पर हो सकता हैं संभव
अध्यक्ष रवि सोनी के अनुसार क्षिप्रा एक्सप्रेस की टाइमिंग में बदलाव कर दिया जाए तो ट्रेक खाली हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रेन नंबर 22912 हावड़ा-इंदौर क्षिप्रा एक्सप्रेस का हावड़ा से डिपार्चर रात 1१.45 बजे से 11.५० कर दिया जाए और ट्रेन नंबर 22911 इंदौर से हावड़ा क्षिप्रा एक्सप्रेस का डिपार्चर के समय को 20 मिनिट आगे बढ़ा दिया जाए तो ट्रैक भी खाली मिलेगा और क्षिप्रा एक्स प्रतिदिन चलने लगेगी।
-५० ट्रेने और गुजारे जाने की है गुंजाइश
सागर से २४ घंटे में मालगाड़ी और ट्रेन सहित ८७ गाडि़यां गुजरती हैं। जबकि इटारसी-कटनी रेलखंड पर ट्रेनों संख्या 135 है। भोपाल-बीना रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या 106 है। साफ है कि दो जगहों पर ट्रेनों के अप एंड डाउन की संख्या कटनी-बीना रेल खंड से ज्यादा है। एेसे में ५० से अधिक ट्रेनें अभी भी सागर से होकर गुजारी जा सकती हैं। लेकिन रेलवे मंडल द्वारा यह कहकर बचने की कोशिश की जाती है कि सागर से सबसे ज्यादा गुड्स ट्रेनें गुजरती हैं इस वजह से ट्रेफिक ज्यादा रहता है।
-इलाहाबाद में हो चुका है एेसा
रेल सेवा सुधार समिति के पदाधिकारियों की माने तो ट्रेक खाली न होने की समस्या के चलते इलाहाबाद रेल मंडल नई ट्रेनें नहीं चला पा रहा था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के प्रयास से रेलवे मंडल ने अपना रवैया बदला और हाल ही में इलाहाबाद-मथुरा व इलाहाबाद- इंदौर ट्रेन शुरू की गई हैं। वहीं, दर्जनो सुविधा-हॉलीडे-प्रीमियम ट्रेन परिचालित की जा रही है।
हावड़ा जाने के लिए यह ट्रेन बेहद महत्वपूर्ण है। हजारों यात्रियों को इसके नियमित चलने से फायदा होगा। पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से जबलपुर मंडल को पत्र लिखा है।
जेपी पांडेय, पेंशनर्स समाज अध्यक्ष
बयान तर्क पूर्ण नहीं है। अपनी मांग न मनवा पाने के कारण मंत्री इस तरह के बयान देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। रेल मंत्री ने घोषणा ट्रेन की मांग बढऩे पर की थी। यह संभव है और इसे जल्द नियमित किया जाना चाहिए।
राजेश बिछुआ, सचिव रेल सेवा सुधार समिति