देशभर में साढ़े चौदह हजार से ज्यादा रेलकर्मी कोरोना पॉजिटिव, तीन सौ से ज्यादा गंवा चुके जान फिर भी लापरवाही
बीना. जंक्शन पर की जा रही लापरवाही कहीं रेलकर्मियों पर भारी न पड़ जाए, क्योंकि यहां पर केवल यात्रियों की यात्रा के पहले जांच की जाती है, बाकी लोगों को सीधे स्टेशन के अंदर एंट्री मिल जाती है, जबकि उनकी ट्रैवल हिस्ट्री संबंधी कोई जानकारी नहीं रहती है। इस स्थिति में यदि कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो वह अन्य दूसरे कर्मचारियों को भी संक्रमित कर सकता है, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। अभी तक देशभर में कुल 14714 रेलकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हंै तो वहीं 336 रेलकर्मी कोरोना से जंग हार चुके हैं। दरअसल कोरोना को लेकर स्टेशन पर जो लापरवाही बरती जा रही है उसे परिणाम गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि यहां पर जब यात्री यात्रा करने लिए आता है तो उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है और उसके बाद उसे स्टेशन के अंदर एंट्री दी जाती है, लेकिन रेलकर्मियों की जांच नहीं की जाती है। इससे ऐसा लग रहा है कि कोरोना केवल यात्रियों को ही होता है रेलकर्मियों के लिए नहीं, इसलिए जो भी कर्मचारी स्टेशन आता है बेधड़क सीधे स्टेशन परिसर में एंट्री कर जाता है। जबकि यहां पर जरूरी है कि रेलवे अस्पताल से एक डॉक्टर की हमेशा ड्यूटी लगाई जाए जो कि आने जाने वाले हर रेलकर्मी की थर्मल स्क्रीनिंग सहित स्वास्थ्य की जानकारी ले और आरोग्य सेतु एप की भी जांच करे।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे में 336 संक्रमित, 8 की जा चुकी है जान
रेलवे वेस्ट सेट्रल रेलवे में कोरोना से कुल 336 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 8 लोगों की जान भी जा चुकी है। यदि इसी प्रकार की स्थिति रही तो आने वाले दिनों में रेलवे के संचालन में भी दिक्कत होगी।