नगरपालिका के हैं दो रैन बसेरा, फिर भी खुले आसमान के नीचे सोते हैं जरूरतमंद

कहां है रैनबसेरा इसकी नहीं मिलती जानकारी

<p>The needy sleeps under the open sky</p>

बीना. नगरपालिका का पहले एक रैन बसेरा था, लेकिन उसमें रखे सामान के कारण जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल पाता था, जिससे खिरिया वार्ड स्थित सामुदायिक भवन में करीब एक वर्ष पूर्व रैन बसेरा बनाया गया है, लेकिन इसकी जानकारी न होने के कारण जरूरतमंद वहां तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।
नगरपालिका का पुराना रैन बसेरा एक नंबर स्कूल के पास बना हुआ है, जहां वाहन और अन्य सामान रखा जाता है, जिससे वहां रुकने के लिए जगह नहीं है। जगह न होने के कारण नपा ने दूसरा रैन बसेरा खिरिया वार्ड स्थित सामुदायिक भवन में बनाया है और यहां लोगों के रुकने के लिए पलंग डाले गए हैं। साथ ही कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है, लेकिन इसका प्रचार-प्रसार न होने के कारण किसी को भी जानकारी नहीं रहती है। शहर के मुख्य स्थानों पर कहीं भी इस तरह के बोर्ड नहीं लगाए गए हैं, जिसपर संपर्क नंबर लिखा हो या फिर वहां तक पहुंचने के लिए कहां से जाना होगा इसका उल्लेख हो।
रात में खुले में सोते रहते हैं लोग
रात के समय रेलवे स्टेशन परिसर सहित शहर में कई जगहों पर लोग खुले आसमान के नीचे सोते रहते हैं। खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों को भी नपा द्वारा रैनबसेरा तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं जाती है। जबकि कड़ाके की ठंड में जान जाने का भी खतरा रहता है।
अभी तक एक भी जरूरतमंद नहीं पहुंचा
खिरिया वार्ड स्थित रैन बसेरा में शनिवार करीब चार बजे ताला डला हुआ था। मोबाइल पर संपर्क करने पर कर्मचारी ने बताया कि इस ठंड के सीजन में अभी तक एक भी जरूरतमंद वहां नहीं आया है। रैनबसेरा में रुकने की व्यवस्था कर दी गई है।
चौराहे पर लगाएंगे बोर्ड
रैन बसेरा की लोगों को जानकारी मिल सके इसके लिए चौराहे पर बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही अभी कई जगह दीवारों पर इसकी जानकारी लिखी जा रही है। रैनबसेरा की सफाई कर वहां रुकने के लिए पलंग डाल दिए गए हैं।
नजीव काजी, प्रभारी सीएमओ

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